महाराष्ट्र का सियासी संग्राम थम चुका है. सत्ता पर काबिज होने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने हाथ मिलाया है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. इसके बाद से मंत्रालयों के बंटवारे पर सभी की निगाहें हैं. ठाकरे के सीएम की कुर्सी पर बैठने के करीब दो हफ्ते बाद अब सरकार के मंत्रालयों का बंटवारा हो रहा है. खबरों की मानें तो तीनों दलों के बीच सभी मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर मंत्रणा हो चुकी है और जल्द इसका ऐलान हो जाएगा.
एनसीपी नेता अजित पवार ने मंगलवार शाम मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात भी इस मीटिंग का हिस्सा थे. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय का जिम्मा शिवसेना को सौंपा जाएगा. वित्त मंत्रालय एनसीपी के पास रहेगा. माना जा रहा है कि राजस्व मंत्रालय कांग्रेस को मिलेगा. फिलहाल अभी तक यह साफ नहीं है कि पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी. सूबे की राजनीति में इस विभाग को भी काफी अहम माना जाता है.
आखिर क्यों महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार पर कर लिया था भरोसा...
बता दें कि बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था. उनके गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा (145) पार कर लिया था लेकिन कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान शुरू हुई और उनकी राहें जुदा हो गईं. जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के समर्थन से अचानक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सभी को चौंका दिया. पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. उनके फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और फ्लोर टेस्ट का आदेश मिलते ही फडणवीस और पवार ने बहुमत न होने की बात कहते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद बीते 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उद्धव इस कुर्सी पर काबिज होने वाले ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति हैं.
Exclusive: शरद पवार ने कैसे पलटा महाराष्ट्र का गेम?
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