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This Article is From Nov 24, 2019

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की राह में रोड़ा बन सकता है विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

बीजेपी और अजित पवार एनसीपी विधायकों के समर्थन का दावा करेंगे विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा, अन्यथा सरकार अपने आप गिर जाएगी

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की राह में रोड़ा बन सकता है विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो).
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीतिक उठापटक के बीच राजनीतिक व कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (Shiv Sena), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) व कांग्रेस (Congress) के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती महत्वपूर्ण महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान होगी. एनसीपी ने शनिवार को अपने विधायक दल के नेता अजीत पवार को बर्खास्त कर दिया है और उनकी जगह राज्य के अध्यक्ष जयंत पाटिल को दे दी. अजीत पवार अब उप मुख्यमंत्री हैं.

एक संवैधानिक कानून जानकार ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त के साथ कहा, "एनसीपी ने विधिवत रूप से राज्यपाल कार्यालय को सूचित किया है, जहां इसे रिकॉर्ड में लिया गया है क्योंकि अभी कोई विधायिका नहीं है. प्रभावी रूप से अजित पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता नहीं है और इस वजह से उनकी किसी भी कार्रवाई का अब कोई परिणाम नहीं होगा."

प्रोटेम स्पीकर, आम तौर पर सबसे वरिष्ठ चुना हुआ विधायक होता है. उसे राज्यपाल बीएस कोश्यारी द्वारा नियुक्त किया जाना है और शपथ दिलाई जानी है. प्रोटेम स्पीकर, खुद को छोड़कर सभी 287 विधायकों को शपथ दिलाएंगे.

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विशेषज्ञ ने कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी के लिए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, विधानसभा के पटल पर पहले राजनीतिक व संवैधानिक परीक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा. इस मामले में भाजपा व अजित पवार एनसीपी विधायकों के समर्थन का दावा करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा. अन्यथा, सरकार अपने आप गिर जाएगी." ऐसा हुआ तो इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विश्वास मत पेश करना महज औपचारिकता रह जाएगा.

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वर्तमान संख्या बल के दावे के अनुसार, भाजपा ने 170 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है. इसमें भाजपा के 105 व कथित तौर पर अजीत पवार का समर्थन करने वाले विधायक व निर्दलीय व छोटी पार्टियां शामिल हैं. दूसरी तरफ शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा ने भी 165 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 288 है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं.

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विशेषज्ञ ने कहा कि दोनों दावों को जोड़ने से एक ऐसी स्थिति बनती है, जहां समर्थन करने वाले कुल विधायकों की संख्या विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से अधिक है, इसलिए दावों में से एक भ्रामक या गलत है. और, यह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पूरे देश के सामने आ जाएगा.

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