भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए ऐसे लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखनी चाहिए, जो म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस (Black Fungus) की चपेट में आ सकते हैं. उन्होंने वाशिम जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने यहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे कोविड-19 से उबरे ऐसे लोगों की पहचान करें जो ब्लैक फंगस से पीड़ित हो सकते हैं.'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास मरीजों के आंकड़े हैं, इसलिए राज्य सरकार ऐसे मरीजों के बारे में पता लगा सकती है कि जो म्यूकरमाइकोसिस की चपेट में आ सकते हैं. फडणवीस राज्य में कोविड-19 संबंधी स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य के दौरे पर हैं.
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दिल्ली में ब्लैक फंगस से अब तक 89 मरीजों की मौत
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लोगों को ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी का भी सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली में ब्लैक फंगस की चपेट में आकर अब तक 89 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं 863 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज अब भी चल रहा है. जबकि 92 मरीज इस बीमारी से जंग जीत कर स्वस्थ हुए हैं. दिल्ली में ब्लैक फंगस के अब तक कुल 1044 मामले सामने आए हैं. ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी को दिल्ली में पहले ही महामारी घोषित कर दिया गया है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया था.
ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन 1200 का
ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन अभी तक बाजार में 7000 रुपए में मिल रहे थे, लेकिन ये इंजेक्शन अब सिर्फ 1200 रुपए में मिलेगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले ही इस इंजेक्शन को लॉन्च किया है. देश में एम्फोटेरिसिन बी इमल्शन इंजेक्शन का उत्पादन अभी तक एक ही कंपनी कर रही थी लेकिन अब वर्धा की जेनटेक लाइफ साइंस भी ये इंजेक्शन बनाने में लगी है. जेनटेक लाइफ साइंस की रोजाना लगभग 20,000 वायल का उत्पादन करने की क्षमता है.
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ब्लैक फंगस को हराने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर जुटी
कोरोनावायरस के बाद अब भारत में महामारी का रूप ले चुके ब्लैक फंगस या म्यूकोरमायकोसिस से निपटने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर जुट गई है. इसके इलाज के लिए डॉक्टर लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी नाम के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं. इस दवा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने पांच और कंपनियों को इसे बनाने का लाइसेंस दिया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी लगातार इस सिलसिले में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह दवा दुनिया के जिस भी कोने में उपलब्ध हो, उसे तुरंत भारत लाया जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं