Maharashtra election: 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2019) में टिकटों के बंटवारे से नाराज कांग्रेस नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने गुरुवार को खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने के बाद एक बार फिर शुक्रवार को पार्टी के खिलाफ 'मोर्चा' खोला. शुक्रवार को निरुपम ने कहा कि कांग्रेस (Congress) 3-4 सीटों को छोड़कर मुंबई की सभी सीटें हार जाएगी. उन्होंने कांग्रेस के भीतर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी के करीबी लोगों को भी महत्व नहीं दिया गया. शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए संजय निरुपम ने कहा, 'जिस तरह से मुंबई में उम्मीदवारों का चयन किया गया, आप तीन-चार सीटें छोड़ दें तो बाकी सभी पर कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो जाएगी.' पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने की बात दोहराते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'अब मैं आपसे 24 अक्टूबर को नतीजों के दिन ही मिलूंगा.'
चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका! पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे संजय निरुपम- यह है वजह
निरुपम ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह 21 अक्टूबर को प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था कि उन्हें ‘दरकिनार' कर दिया गया है जबकि उन्होंने चार वर्षों तक पार्टी की मुंबई इकाई का अध्यक्ष पद संभाला था. लोकसभा चुनावों से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाये गये निरुपम ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में उनकी राय पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं दी गई. मेरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में ही (विधानसभा) टिकट के बंटवारे के दौरान मेरे विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया.''
कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में ‘व्यवस्थागत खामी' है. उन्होंने कहा, ‘‘जमीनी स्तर के (कार्यकर्ताओं) से समानांतर प्रतिक्रिया लेने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के प्रभारी एआईसीसी महासचिव का निर्णय अंतिम है. एआईसीसी महासचिव को सर्वशक्तिमान बना दिया गया है. वह भी पक्षपाती हो सकते हैं.''
निरुपम ने कहा कि उन्होंने मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट के तहत आने वाली वर्सोवा विधानसभा सीट के लिए एक नाम दिया था. निरुपम को मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर 2.6 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने (बलदेव खोसा) के नाम को अंतिम रूप दिया है जो 2014 के विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर आये थे और पिछले पांच वर्षों से सक्रिय नहीं थे.'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अपने अभियान में इतनी आक्रामक है और हमें ऐसे उम्मीदवारों को चुनने की जरूरत है जो इस आक्रामकता का मुकाबला कर सकें.'' कांग्रेस सूत्रों ने निरुपम के आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा है कि खोसा तीन बार विधायक रहे हैं और लंबे समय से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता रहे हैं.
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