महंत नरेंद्र गिरि की मौत का रहस्य, कई अनसुलझे सवालों के जवाब की तलाश

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत से जुड़े कई ऐसे अनसुलझे सवाल हैं जिन्हें तलाशने में पुलिस जांच में जुटी हुई है.

महंत नरेंद्र गिरि की मौत का रहस्य, कई अनसुलझे सवालों के जवाब की तलाश

महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर उठ रहे कई सवाल. (फाइल फोटो)

प्रयागराज:

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार उनके शिष्य आनंद गिरी (Anand Giri) को आज 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. उनके साथ बड़े हनुमान जी मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी को भी जेल भेजा गया है. कोर्ट से निकलते वक्त उनकी पिटाई की भी बातें कही जा रही हैं. आनंद से पुलिस दो दिन तक पूछताछ कर चुकी है. महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में इन दोनों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी बताया था. 18 सदस्यों वाली एसआईटी नरेंद्र गिरि के मौत की जांच कर रही है.

इस मामले में सीबीआई जांच के सवाल पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देखिए जो भी जरूरी है वह किया जाएगा, अभी पुलिस जांच कर रही है, एसआईटी गठित की जा चुकी है और हमें लगता है कि पुलिस मामले के तह तक पहुंच रही है और इसपर कोई बयान नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि जो भी चीजें हैं जांच के दायरे में है और जो भी अपराधी होगा, अगर पूज्य महाराज जी की हत्या हुई होगी तो हत्यारा नहीं बचेगा और हत्या करने के लिए वह किसी ने बाध्य किया है तो वह भी नहीं बचेगा. पुलिस सही तरह से जांच कर रही है.

महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में लिखा है की आनंद गिरि कंप्यूटर के मध्यम से, मोबाइल से किसी लड़की या महिला के गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगा के वायरल कर देगा. मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा, बदनाम हो जाऊंगा. इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. लेकिन ज़्यादातर साधु संतों को उनकी खुदकुशी पर याकीन नहीं है. वे इसे हत्या ही मान रहे हैं.

निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि सुसाइड नोट को देखने के बाद मुझे इस बात का स्पष्टिकरण हो गया है की ये सुसाइड नोट उनके द्वारा लिखे गए नहीं हैं. ये स्पष्ट है.

महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने दिए इन सवालों के जवाब

प्रश्न: क्या लग रहा है की ये सुसाइड है की..?

उत्तर: नहीं आत्महत्या नहीं है. साजिश है.

प्रश्न: आप पूरी तरह से मान रहे हैं की ये..

उत्तर: बिल्कुल ये सजिश है.

प्रश्न: मतलब क्या उनकी हत्या की गई है?

उत्तर: उनकी हत्या की गई है. इसमें कौन-कौन लोग हैं ये जांच के बाद सामने आ जाएगा.

नरेंद्र गिरि बड़े संत होने की हैसियत से देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, यूपी के मुख्यमंत्री, डीजीपी समेत तमाम बड़े अफसरों से उनका सीधा संवाद होता था. तमाम मंत्रियों से लेकर अफसर तक उनके पैर छूते थे.. ऐसे में कई सवाल उठना लाजमी है, जैसे..

  1. महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने से पहले आनंद गिरि की शिकायत  किसी बड़े आदमी से क्यों नहीं की?
  2. वो कौन लड़की है जिसके साथ नरेंद्र गिरी की तस्वीर वायरल होने वाली थी?
  3. अगर कोई ऐसी तस्वीर है तो उसकी सच्चाई क्या है?
  4. अगर वो फंदे पर लटके थे तो पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
  5. नरेंद्र गिरि का शव खुद फांसी के फंदे से क्यों उतारा?

बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट का पुलिस फोरेंसिक जांच करा रही है. सुसाइड नोट के हैंडराइटिंग की विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं. ताकी ये वैज्ञानिक रूप से साबित हो सके कि सुसाइड महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा था या नहीं?

सवाल सिर्फ नरेंद्र गिरि की मौत का नहीं है. सवाल यह भी है कि उनके सबसे प्रिय शिष्य से उनका जानलेवा झगड़ा क्यों हुआ. आनंद गिरि ने अलग-अलग मंच पर नरेंद्र गिरि पर आरोप लगाए हैं.

  1. आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर क्या आरोप लगाए
  2. नरेंद्र गिरी ने मठ की ज़मीन 40 करोड़ में बेच दी.
  3. नरेंद्र गिरि ने मठ की ज़मीन बेच कर अपने भाइयों का घर बनवाया.
  4. नरेंद्र गिरी ने अपने खास शिष्यों के लिए मंदिर की आमदनी से करोड़ों के घर बनवाए.
  5. नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आशीष गिरी की हत्या करवाई.
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संतों से धार्मिक लोगों की आस्थाएं जुड़ी होती हैं. इसलिये भी यह रहस्य जरूर सामने आना चाहिए की मठ में क्या हो रहा था? किसके आरोप कितने सही हैं.

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