मध्य प्रदेश के मदरसों में नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जिसमें देश प्रेम के साथ भाजपा नेताओं के बारे में भी पढ़ाया जाएगा (प्रतीकात्मक चित्र)
भोपाल:
बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ‘वतन से मोहब्बत का इस्लाम धर्म में क्या महत्व है’ विषय पर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, ताकि वे जान सकें कि जिस धर्म के वे अनुयायी हैं, उसमें अपने वतन से वफादारी एवं मोहब्बत करने को कितना ऊंचा स्थान दिया गया है.
मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद इमादउद्दीन ने बताया कि मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ‘वतन से मोहब्बत का इस्लाम धर्म में क्या महत्व है’ विषय पर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. इस पाठ्यक्रम से विद्यार्थी यह जान सकेंगे कि जिस धर्म के वे अनुयायी हैं, उसमें अपने वतन से वफादारी एवं मोहब्बत करने को कितना ऊंचा स्थान दिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हम न केवल इस विषय पर पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं, बल्कि प्रदेश के मदरसों में नरेंद्र मोदी, दीनदयाल उपाध्याय, मौलाना अबुल कलाम आजाद, एपीजे अब्दुल कलाम एवं शिवराज सिंह चौहान सहित देश के कई प्रसिद्ध हस्तियों की महान गाथाओं की शिक्षा भी छात्र-छात्राओं को देंगे, ताकि वे उनके द्वारा जीवन में किए गए संघर्षों एवं उनकी उपलब्धियों के बारे में जान सकें.
सैयद इमादउद्दीन ने बताया कि मदरसे के पाठ्यक्रम में मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदी नर्मदा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पिछले साल 11 दिसंबर से चल रही नदी संरक्षण अभियान ‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वे इसके महत्व के बारे में जागरुक हो सकें.
उन्होंने कहा कि इन सभी विषयों को मदरसे के पाठ्यक्रम में लाने के लिए एक समिति विचार-विमर्श कर रही है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य शिक्षा केन्द्र को मंजूरी के पेश करेगी. उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य शिक्षा केन्द्र से हमें मंजूरी मिल जाएगी, इन सभी विषयों को मदरसों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा.
सैयद ने बताया, ‘हम इसे जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि आने वाले शिक्षण सत्र से ही इन विषयों को विद्यार्थियों पर पढ़ाया जा सके.’ उन्होंने बताया कि यह कुछ नया नहीं है. यह पहले से ही है और किसी को यह अर्थ नहीं निकालना चाहिए कि जो मदरसे में पढ़ रहे हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. यह पहले से ही धर्म में है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित 7401 मदरसों में से 2535 को आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए मान्यता दी गई है. इनमें 1254 मदरसे प्राथमिक और 1281 माध्यमिक-स्तर की मान्यता प्राप्त हैं. इन मदरसों में 2.30 लाख छात्र-छात्राएं उर्दू शिक्षा के साथ अन्य विषय में तालीम प्राप्त कर रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद इमादउद्दीन ने बताया कि मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ‘वतन से मोहब्बत का इस्लाम धर्म में क्या महत्व है’ विषय पर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. इस पाठ्यक्रम से विद्यार्थी यह जान सकेंगे कि जिस धर्म के वे अनुयायी हैं, उसमें अपने वतन से वफादारी एवं मोहब्बत करने को कितना ऊंचा स्थान दिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हम न केवल इस विषय पर पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं, बल्कि प्रदेश के मदरसों में नरेंद्र मोदी, दीनदयाल उपाध्याय, मौलाना अबुल कलाम आजाद, एपीजे अब्दुल कलाम एवं शिवराज सिंह चौहान सहित देश के कई प्रसिद्ध हस्तियों की महान गाथाओं की शिक्षा भी छात्र-छात्राओं को देंगे, ताकि वे उनके द्वारा जीवन में किए गए संघर्षों एवं उनकी उपलब्धियों के बारे में जान सकें.
सैयद इमादउद्दीन ने बताया कि मदरसे के पाठ्यक्रम में मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदी नर्मदा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पिछले साल 11 दिसंबर से चल रही नदी संरक्षण अभियान ‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वे इसके महत्व के बारे में जागरुक हो सकें.
उन्होंने कहा कि इन सभी विषयों को मदरसे के पाठ्यक्रम में लाने के लिए एक समिति विचार-विमर्श कर रही है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य शिक्षा केन्द्र को मंजूरी के पेश करेगी. उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य शिक्षा केन्द्र से हमें मंजूरी मिल जाएगी, इन सभी विषयों को मदरसों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा.
सैयद ने बताया, ‘हम इसे जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि आने वाले शिक्षण सत्र से ही इन विषयों को विद्यार्थियों पर पढ़ाया जा सके.’ उन्होंने बताया कि यह कुछ नया नहीं है. यह पहले से ही है और किसी को यह अर्थ नहीं निकालना चाहिए कि जो मदरसे में पढ़ रहे हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. यह पहले से ही धर्म में है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित 7401 मदरसों में से 2535 को आधुनिक विषयों को पढ़ाने के लिए मान्यता दी गई है. इनमें 1254 मदरसे प्राथमिक और 1281 माध्यमिक-स्तर की मान्यता प्राप्त हैं. इन मदरसों में 2.30 लाख छात्र-छात्राएं उर्दू शिक्षा के साथ अन्य विषय में तालीम प्राप्त कर रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
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