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This Article is From Dec 09, 2020

Covid-19 के खिलाफ 'जंग' में बढ़ा इंदौर का जोर, ब्‍लड के 29% सैंपल में मिली एंटीबॉडी

अध्ययन से यह भी पता चलता है कि सितंबर से नवंबर के बीच शहर के जन समुदाय में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में महीना-दर-महीना इजाफा होता चला गया.

Covid-19 के खिलाफ 'जंग' में बढ़ा इंदौर का जोर, ब्‍लड के 29% सैंपल में मिली एंटीबॉडी
इंदौर में कोरोना महामारी के खिलाफ आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में उछाल दर्ज हुआ है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
इंदौर:

मध्य प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर शहर में पिछले तीन महीनों में इस महामारी के खिलाफ आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में सिलसिलेवार उछाल दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस बात की तस्‍दीक शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के ब्लड बैंक के एक अध्ययन से होती है.एमवायएच के ब्लड बैंक के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने इस अध्ययन के हवाले से बताया, ‘‘हमने ब्लड बैंक में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में जमा नए रक्त के क्रमश: 1,323, 1,128 और 1,590 नमूनों की एंटीबॉडी जांच की. इनमें से क्रमशः 197, 367 और 615 में कोविड-19 के खिलाफ आईजीजी एंटीबॉडी मिली है.''

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आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि एमवायएच के ब्लड बैंक में पिछले तीन महीनों के दौरान जमा नए रक्त के कुल 4,041 नमूनों में से 1,179 नमूनों यानी औसतन 29 प्रतिशत में कोविड-19 के खिलाफ आईजीजी एंटीबॉडी मिली. यादव ने बताया कि रक्त के इन नमूनों की एंटीबॉडी जांच के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की स्वीकृत एलाइजा पद्धति की किट का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने बताया कि एंटीबॉडी जांच के लिए 18 से 60 वर्ष की उम्र वाले लोगों के रक्त के नमूनों का चुनाव आकस्मिक तौर पर किया गया था और इनमें कोविड-19 से उबरे व्यक्तियों के नमूने शामिल नहीं किए गए थे.

यादव ने बताया, ‘‘हमारे अध्ययन से यह भी पता चलता है कि सितंबर से नवंबर के बीच शहर के जन समुदाय में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में महीना-दर-महीना इजाफा होता चला गया.''अधिकारियों ने बताया कि शहर में 11 से 23 अगस्त के बीच कराए गए सीरो-सर्वेक्षण में महज 7.72 फीसद प्रतिभागियों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की मदद से कराए गए इस सर्वेक्षण में 7,103 लोगों के रक्त के नमूने लिये गए थे.गौरतलब है कि सीरो-सर्वेक्षण में रक्त के सीरम की जांच से पता लगाया जाता है कि अगर संबंधित प्रतिभागी पिछले दिनों सार्स-सीओवी-2 (वह वायरस जिससे कोविड-19 फैलता है) के हमले का शिकार हुआ है, तो उसके रोग प्रतिरोधक तंत्र ने किस तरह प्रतिक्रिया दी है और उसके रक्त में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई है या नहीं?इंदौर, मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च से लेकर आठ दिसंबर तक महामारी के कुल 46,971 मरीज मिले हैं. इनमें से 796 मरीजों की मौत हो चुकी है.

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