मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj singh government) ने पूर्ववर्ती कमलनाथ (Kamal Nath)सरकार की कर्ज माफी योजना (Loan waiver scheme) की समीक्षा करने का फैसला लिया है. कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने यह बात कही. एनडीटीवी से बात करते हुए पटेल ने कहा, 'कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया था. हम किसानों से कमलनाथ और कांग्रेस सरकार पर केस दर्ज कराने के लिए कहेंगे. किसान केस दर्ज कराएं, सरकार केस दर्ज करेगी.' उन्होंने कहा कि हम कर्ज माफी की समीक्षा करेंगे, हमने कृषि क्षेत्र और खरीद प्रक्रिया में गोदाम और परिवहन से संबंधित भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है.
उधर, कांग्रेस पार्टी (Congress) को कर्ज माफी योजना की समीक्षा का शिवराज सरकार का फैसला नागवार गुजरा है. कमलनाथ की सरकार में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई. कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि यदि किसानों की कर्ज माफी योजना को शिवराज सरकार बंद करेगी तो किसान सड़क पर उतरेंगे.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्ज माफी को कांग्रेस पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था और इसी चुनावी वादे की बदौलत कांग्रेस राज्य के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में उस समय अपने चुनावी सभाओं में कहा था कि कांग्रेस की यदि राज्य में सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो सीएम को बदलने से भी नहीं हिचकेंगे. कांग्रेस ने राज्य के सभी राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए 2 लाख रुपये तक के अल्पकालीन फसल ऋण को माफ करने का वादा किया था. राज्य में सरकार बनने के बाद इस बारे में आदेश भी जारी किया गया था लेकिन आरोप है कि सभी किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाया. बड़ी संख्या में किसान इससे वंचित रह गए थे.
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