मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही अभी डेढ़ साल दूर हों लेकिन मुफ्त बिजली या बिजली बिल (electricity bills) माफ करने की होड़ वहां भी दिखाई देनी लगी है. दिल्ली से शुरू हुई ये कवायद अब दूसरे राज्यों में दिखने लगी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Shivraj Singh Chouhan) ने कोरोना महामारी से परेशान लोगों को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को कहा कि उनकी सरकार 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के 6400 करोड़ रुपये के बिजली के बिल माफ करेगी. मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने ये ऐलान किया. चौहान ने यह भी कहा कि कर्ज चुकाने में असमर्थ किसानों के ब्याज का भुगतान सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि विधायक निधि मौजूदा दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता की कठिनाइयों को देखते हुए 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का 6400 करोड़ रुपये के बिजली बिल की वसूली नहीं होगी.
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चौहान ने कहा कि गरीबों के लिए 23 लाख आवास पूर्ण कर लिए गए हैं और इस वर्ष के अंत तक 30 लाख आवास बनाने का लक्ष्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 की फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा नहीं किया गया. बीजेपी सरकार ने फसल बीमा का 2200 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा करके किसानों के खाते में राशि डलवाने का कार्य किया है. चालू वित्त वर्ष में सड़कों के निर्माण के लिए आठ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. मौजूदा समय में में राज्य में 5100 मेगावाट अक्षय ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है.
मौजूदा कीमतों पर मध्यप्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है. मौजूदा कीमतों के आधार पर वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 24 हजार रुपये हो गई है, जो कि कांग्रेस के शासन में केवल 15 हजार रुपये थी. यह राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि है.चौहान ने कहा कि विधायक निधि दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी जाएगी. विधायक निधि में से 50 लाख रुपये वे स्वेच्छा निधि के रूप में उपयोग कर सकते हैं, इससे वे कई जरूरतमंदों की मदद कर पाएंगे.
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