यूं तो आपने अफसरों के कई घोटालों के बारे में सुना होगा, पढ़ा होगा लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सिवनी पुलिस ने अनोखे ढंग से सरकारी खजाने को चूना लगाया है. पुलिस के अधिकारियों ने खड़ी गाड़ियों को 140 किलोमीटर की स्पीड से कागजों पर दौड़ा कर करोड़ों रुपए का गबन किया है. मामला चार पुलिसकर्मी और एक अधिकारी द्वारा पुलिस वाहनों के मायलो मीटर में चिप लगाकर खड़े वाहनों की रीडिंग बढ़ाने और उस रीडिंग के आधार पर डीजल और पेट्रोल बाजार में बेचने से जुड़ा है.
यह गोरखधंधा पिछले साढ़े 3 सालों से बदस्तूर चल रहा था. इसकी भनक किसी को नहीं लग पाती लेकिन चारों पुलिसकर्मियों के बीच पैसों की बंदरबांट को लेकर जब बात बिगड़ी तो उन चारों में से ही किसी एक ने चुपचाप मायलो मीटर की रीडिंग बढ़ाने का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
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जब इस मामले की भनक सिवनी एसपी कुमार प्रतीक को लगी तो उन्होंने आर आई सुनील नागवंशी, एएसआई शत्रुघ्न बोडके, सहायक अनिल सरेआम और दो वाहन चालक दीपक अमूल्य व उमाकांत दहके को निलंबित कर दिया. मामले की जांच एसपी द्वारा कराई जा रही है. अभी तक प्राप्त सूचना के मुताबिक इस मामले में लाखों रुपए का गबन खुलकर हुआ है. फिलहाल, पांचों पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
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नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि बिल पार्ट के प्रभारी एसपी होते हैं और एएसपी को ही इस जांच में शामिल करना शंका को जन्म देता है. उनके मुताबिक, अगर इसकी जांच उच्च अधिकारियों द्वारा की जाए तो करोड़ों के गबन का मामला सामने आ सकता है.
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