
Madhya Pradesh Coronavirus Updates: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना से संक्रमित 85 मरीज़ों में से 40 स्वास्थ्य विभाग के हैं जिनमें दो आईएएस अधिकारी - प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, पल्लवी जैन-गोविल, और स्वास्थ्य निगम के एमडी जे. विजय कुमार भी हैं, इनके अलावा विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ वीना सिन्हा भी संक्रमित हैं. भोपाल संभवतः देश में पहला शहर है जहां कोरोना से लड़ने वाले ही कोरोना के कैरियर बन गये हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि कोरोनावायरस से संक्रमण को छिपाने वाले लोगों को माफ नहीं किया जा सकता और उनपर ग़ैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जा सकता है, हालांकि इस मामले में सरकार पर आरोप हैं कि उसने अपने अफसरों पर कार्रवाई नहीं की, यहां तक की मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव की प्रशंसा करते हुए कहा था कि “आप जैसे अधिकारियों से सहायता के साथ हम जल्द ही राज्य से संक्रमण से छुटकारा पा लेंगे.''
Madhya Pradesh Officers Accused Of Evading COVID-19 Checks, Served Notice by MPHRC @ndtvindia @ndtv pic.twitter.com/kpXxiFsFGu
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 7, 2020
हालांकि सीएम की प्रशंसा राज्य मानवाधिकार आयोग (एमपीएचआरसी) को कुछ खास नहीं लगी. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के ट्वीट और मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है कि क्यों कुछ कोरोना संक्रमित आईएएस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती होने में देरी की.
नोटिस के बाद तन्खा ने ट्वीट किया, "# COVID2019india के दिशानिर्देश सभी अमीर या छोटे - शक्तिशाली या कमजोर के लिए बाध्यकारी हैं. मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को सख्त नोटिस दिया है.
आयोग ने मुख्य सचिव से पूछा है कि अधिकारियों के रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें फौरन अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में क्यों नहीं रखा गया था.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य महकमे में आईएएस अधिकारियों के अलावा, उप निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, व्यक्तिगत सहायक और चपरासी भी संक्रमित हैं.
पल्लवी जैन-गोविल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों में हिस्सा लेती रही हैं. अब सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'उनके पुत्र दिनांक 16/3/2020 को अमेरिका से भारत वापस आये. भारत सरकार द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देशों के अंतर्गत सर्व प्रथम 10/3/2020 को निम्न 12 देशों के बारे में अधिसूचना जारी की गयी थी-
चीन, हांगकांग, कोरिया, जापान, इटली, थाईलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी. 11/3/2020 को जारी किये गए दिशा निर्देशों में जो लोग इटली, ईरान, कोरिया, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी देशों में 15/2/2020 के बाद गए थे उन सबको होम क्वारंटाइन में रखने की एडवाइजरी जारी हुई थी. दिनांक 16/3/2020 को जो लोग क़तर, ओमान, कुवैत, यू.ए.ई गए थे उनको होम क्वोरंटाइन तथा 18/3/2020 को यूरोपियन यूनियन, टर्की, यू.के के नागरिकों तथा हवाई यात्राओं पर रोक लगाई गयी और 22/3/2020 से सभी अंतराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई गयी. भारत सरकार की किसी भी एडवाइजरी में अमेरिका पर कोई रोक नहीं लगी है. श्रीमती पल्लवी जैन गोविल के पुत्र का स्वास्थ परीक्षण भारत वापस लौटने पर 16/3/2020 को नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर किया गया और वे 30/3/2020 तक अपने निवास पर सेल्फ क्वारंटाइन में रहे. उनको किसी प्रकार के लक्षण उत्पन्न नहीं हुए और वे पूर्णतः स्वस्थ हैं. श्रीमती गोविल को 4/4/20 को करोना पॉज़िटिव पाए जाने पर घर में अन्य सदस्यों का परीक्षण कराया गया और किसी में भी करोना संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए. भारत सरकार द्वारा जारी किये गए कोरोना वायरस से संबंधित मार्गदर्शी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है जिन मरीजों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गयी है परंतु अन्य लक्षण परिलक्षित नहीं हो रहे हैं उनको घर में ही क्वारंटाइन में रहना और स्वास्थ की मॉनिटरिंग उपयुक्त बताया गया है क्योंकि श्रीमती पल्लवी जैन मे लक्षण उपस्थित नहीं हुए हैं और वे स्वस्थ हैं इसलिए उनको अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. भोपाल ज़िला प्रशासन के द्वारा उनके घर पर आवश्यक सूचना लगा दी गयी है और आस पास के इलाक़े को क्वारंटाइन कर दिया गया है.
मध्यप्रदेश में कोरोना की लड़ाई लड़ने वाले 14 वरिष्ठ नौकरशाह जिसमें हेल्थ कमिश्नर फैज अहमद किदवई भी शामिल हैं, वो सब क्वारंटाइन में हैं, उधर स्वास्थ्य सेवा निदेशालय अपने कार्यालय भवन में कोरोनोवायरस के स्रोत का पता लगाने में जुटा हुआ है.
मंगलवार शाम पल्लवी को भी निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्ल्वी गोविल के साथ जिन लोगों ने काम किया उनमें आयुष्मान भारत के CEO जे विजय कुमार, एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर वीणा सिन्हा, डॉ. उपेंद्र दुबे, डॉ. कैलाश बुंदेला, डॉ प्रमोद गोयल, नरेंद्र जायसवाल, डॉ हिमांशु, डॉ रूबी खान, डॉ सव्य सलाम, डॉ सौरभ पुरोहित, रंजना गुप्ता, सुनील मुकाती.
इन अफसरों के अलावा इनके स्टाफ में सत्येंद्र पारे, अलोक श्रीवास्तव, दीपक देशमुख, राजकुमार गर्ग, और ड्राइवर कमलेश और इनके कुछ परिवार वाले भी कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं. सूत्रों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन सीनियर नौकरशाहों की दूसरी लाइन को तैयार कर प्लान बी पर भी काम कर रहा है.
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