MP Bypolls 2020: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamal Nath) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच यह सुनवाई करेगी. कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग (Election Commission) के आदेश को चुनौती दी है. चुनाव आयोग के कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक (Star Campaigner) के रूप में लिस्ट से उनका नाम हटाने के आदेश को उन्होंने चुनौती दी है. कमलनाथ की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है.
कमलनाथ ने याचिका में कहा है कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में नामित करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग पार्टी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. चुनाव आयोग का निर्णय अभिव्यक्ति और आवागमन के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है. चुनाव आयोग नोटिस देने के बाद फैसला कर सकता है, लेकिन यहां कमलनाथ को कोई नोटिस नहीं दिया गया. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है.
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ उनके विवादित बयानों को लेकर कड़ी कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग ने उन्हें कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची से हटा दिया है. कमलनाथ पर चुनाव प्रचार के दौरान कई आपत्तिजनक बयान देने के आरोप हैं.
कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री इमरती देवी के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने इमरती देवी को 'आइटम' कहा था और आलोचना के बाद माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. विश्लेषकों का कहना है कि स्टार प्रचारकों का खर्च पार्टी के खर्च में जोड़ा जाता है, न कि उस सीट से लड़ रहे पार्टी के प्रत्याशी के खर्च में.
भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे को गद्दार और अन्य आपत्तिजनक शब्द कहे. कांग्रेस का कहना है कि "गद्दारी" कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बनी. बीजेपी का कहना है कि गद्दार वे नहीं बल्कि कांग्रेस है, जिसने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करके मध्यप्रदेश की जनता को धोखा दिया है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, "स्टार प्रचारक कौन सा पद या पोजीशन है? चुनाव आयोग ने ना तो मुझे कोई नोटिस दिया था, ना ही मुझसे इस बारे में कुछ पूछा था. प्रचार अभियान के आखिरी दो दिन में चुनाव आयोग ने ऐसा क्यों किया, ये तो केवल उन्हीं को मालूम है." मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को चुनाव होने हैं.
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