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This Article is From Apr 16, 2017

समय बीता जा रहा है, मशीनों के लिए अब पेपर ट्रेल खरीदने की जरूरत : चुनाव आयोग

समय बीता जा रहा है, मशीनों के लिए अब पेपर ट्रेल खरीदने की जरूरत : चुनाव आयोग
प्रतीकात्मक फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तत्काल धन जारी करने का आग्रह.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखा पत्र.
पिछले साल नसीम जैदी ने पीएम मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था.
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ‘मौजूदा माहौल’ का हवाला देते हुए सरकार से आग्रह किया है कि वह पेपर ट्रेल मशीनों की समयबद्ध खरीद के लिए तत्काल धन जारी करें ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन मशीनों को उपयोग में लाया जा सके. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे ताजा पत्र में जैदी ने यह भी कहा कि अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आयोग को वह समयसीमा बताने का निर्देश दिया है जिसके भीतर वीवीपीएटी की पूरी प्रणाली अमल में लाई जाएगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट नहीं किया कि ‘मौजूदा माहौल’ से उनका क्या तात्पर्य है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह विपक्ष की ओर से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने का हवाला दे रहे थे. बसपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने ‘गड़बड़’ ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. देश के 16 दलों ने हाल ही में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मत पत्र वाली व्यवस्था फिर शुरू करने का आग्रह किया था.

अपने पत्र में जैदी ने यह याद दिलाया था कि वह पहले ही सरकार को सूचित कर चुके हैं कि वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए ऑर्डर फरवरी, 2017 तक नहीं दिया गया तो ‘सितम्बर, 2018 तक वीवीपीएटी की आपूर्ति के लिए विनिर्माण मुश्किल होगा’.

चुनाव आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी मतदान केद्रों को कवर करने के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की जरूरत होगी. इस पर 3,174 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. बीते 22 मार्च को कानून मंत्री को लिखे पत्र में जैदी ने कहा कि आयोग ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि ‘जरूरी संख्या में वीवीपीएटी को निर्माण के लिए धन जारी किए जाने से 30 महीने के भीतर विनिर्माण किया जा सकता है.’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त जैदी ने कहा, ‘‘वीवीपीएटी की खरीद की प्रक्रिया में मौजूदा माहौल को देखते हुए देर नहीं की जा सकती..आयोग भविष्य के चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ायी जा सके, मतदाता की निष्ठा को सुरक्षित रखा जा सके और मतदान की प्रक्रिया में मतदाताओं के भरोसे को बढ़ाया जा सके.’’ चुनाव आयोग जून, 2014 से वीवीपीएटी के बारे में सरकार को कम से कम 11 बार याद दिला चुका है.

पिछले साल नसीम जैदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था. बीते सात अप्रैल को कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘वीवीपीएटी के संदर्भ में चुनाव आयोग का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है.’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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