लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संसदीय क्षेत्र राजस्थान के कोटा-बूंदी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. एक दिन के दौरे पर रेलवे स्टेशन से सीधे उन इलाकों में पहुंचे, जहां बाढ़ के पानी ने लोगों का सब कुछ तबाह कर दिया है. लोस अध्यक्ष सबसे पहले नंदा की बावड़ी पहुंचे. यहां से वह दोस्तपुरा, नयापुरा बस स्टैंड होते हुए खाई रोड, बलिता कुन्हाड़ी, रोटेदा, घाटका बराना, बहडवाली (माखीदा), मखीदा, कीरपुरा (गेता), रघुनाथपुरा (बम्बूलिया कला) और हवाखेड़ली (बम्बूलिया कला) गांव में हालात का जायजा लिया. उन्होंने बाढ़ के कारण विस्थापित गांव के लोगों से बात भी की और उनकी समस्याओं को सुना. ओम बिरला ने बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद देने के लिए भरोसा दिया. साथ ही अस्थाई आश्रय स्थल में सुविधाओं के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.
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नाव और मोटर बोट के माध्यम से बिरला शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के जलमग्न खेतों और मकानों सहित अलग-अलग इलाकों में गए और स्थिति का जायजा लिया. बाढ़ प्रभावित लोगों का हौंसला बढ़ाते हुए उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वह इन विपरीत परिस्थितियों में पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आए. ओम बिरला ने ये भी कहा कि इस मुश्किल घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा हूं. उनके मुताबिक बांधों में पानी की आवक कम हुई है, स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी NDRF और सेना के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. राज्य सरकार भी हर संभव मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि मैं आपदा राहत कार्य से जुड़े केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हूं.
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गौरतलब है कि गांधीसागर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण चंबल नदी उफान पर है. लिहाजा नदी किनारे बसने वाले लोग शरणार्थी कैंपों में जाकर रहने को मजबूर हैं. इन लोगों के घरों में कई फीट पानी भर चुका है. अचानक आए इस बरसाती कहर से लोगों का सामान भी जलमग्न हो गया है. आलम यह है कि भारी मात्रा में आ रहे पानी की निकासी के लिए कोटा बैराज बांध के सभी 19 गेट गत 3 दिनों से खुले हैं, बावजूद इसके पानी ने तबाही मचा रखी है. जल प्रलय से आसपास बसे 30 से ज्यादा आबादी क्षेत्र, कॉलोनियों, बस्तियां जलमग्न हैं.
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