नई दिल्ली:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित की। इसके चलते सदन की कार्यवाही अंतत: बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बसपा सदस्य इसके पहले भी इस मुद्दे को उठाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन की ओर बढ़े थे। बसपा के इस कदम को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को नौकरियों में प्रोन्नति के दौरान आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक को राज्यसभा से पारित करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा गया।
मीरा कुमार ने इसके पहले सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित की थी। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामे की स्थिति बनी रही। इसके परिणामस्वरूप पीठासीन अधिकारी कांग्रेस के फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी और उसके बाद तीसरी बार सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जब सदन की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस का कहना है कि वह विधेयक को पारित कराने के लिए वचनबद्ध है। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) इस विधेयक का विरोध कर रही है।
बसपा सदस्य इसके पहले भी इस मुद्दे को उठाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन की ओर बढ़े थे। बसपा के इस कदम को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को नौकरियों में प्रोन्नति के दौरान आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक को राज्यसभा से पारित करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा गया।
मीरा कुमार ने इसके पहले सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित की थी। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामे की स्थिति बनी रही। इसके परिणामस्वरूप पीठासीन अधिकारी कांग्रेस के फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी और उसके बाद तीसरी बार सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जब सदन की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस का कहना है कि वह विधेयक को पारित कराने के लिए वचनबद्ध है। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) इस विधेयक का विरोध कर रही है।
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