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This Article is From Mar 15, 2013

गुरु संबंधी पाक संसद के प्रस्ताव पर देश की संसद का करारा जवाब

नई दिल्ली: भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की निंदा करने, और उसके शव को उसके परिवार को सौंपे जाने की मांग करने वाले प्रस्ताव के पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में पास हो जाने पर शुक्रवार को भारतीय संसद में काफी हंगामा हुआ और लोकसभा ने पाकिस्तान के खिलाफ आमराय से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है, और पाकिस्तान से ऐसी हरकत न करने के लिए कहा गया है।

इससे पूर्व, पाकिस्तान द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव की प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने भारतीय संसद में कड़ी आलोचना की, और कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ वार्ता बंद कर देनी चाहिए।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तानी संसद में पारित प्रस्ताव और इटली द्वारा केरल के मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने नौसैनिकों को भारत वापस नहीं भेजने की ओर इशारा करते हुए कहा, "यदि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह बार-बार ठोकर मारी जा सकती है, तो हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रबंधन में शर्तिया कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ है..." ("If India can be kicked around in this manner internationally, there is something seriously wrong with how we are managing our affairs...")

वहीं, बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने भी लोकसभा में पाकिस्तान के इस कदम पर प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा का नोटिस दिया था। सिन्हा का कहना है कि पाकिस्तान ने अफजल गुरु के मामले पर अपनी संसद में जो प्रस्ताव जारी किया है, वह हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा और इस मामले पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग की थी।

बीजेपी ने गुरुवार को भी संसद में पाकिस्तान के साथ बातचीत बंद कर देने की बात कही थी, जब गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले संभवतः पाकिस्तानी थे।

पाकिस्तानी संसद में पारित प्रस्ताव को लेकर गुरुवार को ही विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कहा था, "इससे (प्रस्ताव से) हमारे देश से जुड़े मामलों में पाकिस्तान का अस्वस्थ रवैया दिखाई देता है... पाकिस्तान को अपने मामलों तक ही सीमित रहना चाहिए..."

गौरतलब है कि भारत के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी करते हुए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर एक निंदा प्रस्ताव पास किया है। यह प्रस्ताव जमायत−ए−उलेमा−ए−इस्लाम के प्रमुख मौलामा फजल−उर्रहमान ने पेश किया था, जिसे पाकिस्तानी संसद ने मंजूरी दी। इसमें कहा गया है कि अफजल की फांसी के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात काफी खराब हो गए हैं, साथ ही तिहाड़ जेल में दफन अफजल गुरु के शव को उसके घरवालों को सौंपने की भी मांग की गई है। खास बात यह है कि अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने से ठीक दो दिन पहले नेशनल असेंबली ने यह प्रस्ताव पास किया है।

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