लोकसभा की नियम समिति ने शुक्रवार को सिफारिश की कि सदन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास आने पर या अध्यक्ष द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद नारेबाजी करके कामकाज जानबूझकर बाधित करने पर सदस्य ‘‘स्वत: निलंबित'' होने चाहिए.
समिति ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से यह सिफारिश ऐसे समय की है जब सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित करना परंपरा सी हो गई है. लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति के सामने मसौदा रिपोर्ट रखी गई. इसमें पांच लगातार बैठकों के लिए या बचे हुए पूरे सत्र के लिए (जो भी कम हो) निलंबित करने की सिफारिश की गई.
लोकसभा के अंदर सांसदों द्वारा तख्तियां लाने और हंगामा करने से नाराज सुमित्रा ने बृहस्पतिवार को समिति की बैठक बुलाई थी. समिति के सामने पेश मसौदा रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा के कामकाज संबंधी नियमों के नियम संख्या 374ए (1) में संशोधन की सिफारिश की गई है. यह नियम सदस्यों के निलंबन से जुड़ा है. सिफारिश के अनुसार, जिन सदस्यों से स्पीकर द्वारा बार बार सीट पर वापस जाने के लिए कहा जाता है और चेतावनी दी जाती है, वे स्वत: निलंबित हो जाएंगे और इसके लिए स्पीकर द्वारा नाम लेने की आवश्यकता नहीं.
फिलहाल, नियम कहता है कि ऐसे सदस्यों का निलंबन स्पीकर द्वारा नाम लेने के बाद होगा.
(इनपुट भाषा से)