फाइल फोटो
नई दिल्ली:
इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान साल 1975 में लगाए गए आपातकाल की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर आरएसएस समर्थित संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आमंत्रित नहीं किया गया।
दिल्ली के मावलंकर हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और दूसरे पार्टी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल में भी बीजेपी के 35वें स्थापना दिवस के समारोह में भी पार्टी के इस संस्थापक सदस्य को न्योता नहीं दिया गया था।
जिस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 40 साल पहले देश में लगे आपातकाल के समय अपनी पार्टी के प्रतिरोध की बड़ाई कर रहे थे, उसी कार्यक्रम में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य आडवानी की गैरमौजूदगी साफ खटक रही थी। आडवानी उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में हैं जो तात्कालीन कांग्रेस शासनकाल में जेल गए थे।
इस बार बीजेपी का कहना है कि आडवाणी के आवास पर कॉल किया गया था और उनके एक कर्मचारी के हाथों न्योता भेज दिया गया था।
अमित शाह ने कहा है कि आपातकाल न अध्यादेश से आता है और न अध्यादेश की परिस्थितियों से आता है, बल्कि तानाशाही की मानसिकता से आता है। उन्होंने कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया, क्योंकि इंदिरा गांधी किसी को सुनना नहीं चाहती थीं और उनकी मानसिकता तानाशाही थी।
आपको बता दें कि आपातकाल की 40वीं बरसी पर पिछले हफ्ते इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा था कि वर्तमान में लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हैं और ऐसे में आपातकाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान के जरिए मोदी सरकार पर खूब निशाना साधा गया था। इस पर खूब विवाद भी हुआ था और आडवाणी पर सफाई देने का दबाव भी बनाया गया था।
दिल्ली के मावलंकर हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और दूसरे पार्टी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल में भी बीजेपी के 35वें स्थापना दिवस के समारोह में भी पार्टी के इस संस्थापक सदस्य को न्योता नहीं दिया गया था।
जिस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 40 साल पहले देश में लगे आपातकाल के समय अपनी पार्टी के प्रतिरोध की बड़ाई कर रहे थे, उसी कार्यक्रम में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य आडवानी की गैरमौजूदगी साफ खटक रही थी। आडवानी उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में हैं जो तात्कालीन कांग्रेस शासनकाल में जेल गए थे।
इस बार बीजेपी का कहना है कि आडवाणी के आवास पर कॉल किया गया था और उनके एक कर्मचारी के हाथों न्योता भेज दिया गया था।
अमित शाह ने कहा है कि आपातकाल न अध्यादेश से आता है और न अध्यादेश की परिस्थितियों से आता है, बल्कि तानाशाही की मानसिकता से आता है। उन्होंने कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया, क्योंकि इंदिरा गांधी किसी को सुनना नहीं चाहती थीं और उनकी मानसिकता तानाशाही थी।
आपको बता दें कि आपातकाल की 40वीं बरसी पर पिछले हफ्ते इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा था कि वर्तमान में लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हैं और ऐसे में आपातकाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान के जरिए मोदी सरकार पर खूब निशाना साधा गया था। इस पर खूब विवाद भी हुआ था और आडवाणी पर सफाई देने का दबाव भी बनाया गया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं