नई दिल्ली:
पहले सेना के रिटायर्ड जनरल और अब सेना के ही लेफ्टिनेंट जनरल, ये दोनों ही अधिकारी एक ही सुर में दावा कर रहे हैं कि 'आदर्श इमारत से कोई खतरा नहीं है।'
आदर्श कमीशन के सामने पेश हुए सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह ने एक बार फिर रक्षा मंत्रालय के दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है। जहां रक्षा मंत्रालय दावा कर रहा है कि आदर्श इमारत कोलाबा के सेना बेस के लिए एक बड़ा खतरा है वहीं कमीशन के सामने पेश हुए इन दोनों अधिकारियों ने कहा है कि खतरे की कोई बात नहीं है।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कमीशन को बताया कि आदर्श इमारत के बारे में अफवाह चल रही थी कि कोलाबा इलाके में बन रही सिविलियन इमारत में सेना के लोगों को भी फ्लैट मिल रहा है। इस अफवाह के बारे में मुझे मेरी दिल्ली पोस्टिंग के दौरान पता चला। मुंबई में पोस्टिंग साल 2005 में हुई लेकिन इमारत में फ्लैट के लिए साल 2006 में आवेदन किया।
आवेदन देने से पहले इमारत और जगह के बारे में सारी बातें पता कर ली थीं। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने दावा किया कि पूरे कोलाबा स्टेशन में सिर्फ सेना की रिहाइशी इमारतें हैं न कि सेना का कोई हथियारों का भंडार। ऐसे में आदर्श इमारत से कैसे खतरा हो सकता है? सिंह ने बताया, आदर्श इमारत से सिर्फ सेना को रसद पहुंचाने वाले विंग के डिपो को देखा जा सकता है, क्या ये रसद विंग कोई संवेदनशील लोकेशन है?
सिंह ने कमीशन को यह भी बताया कि उनके जीओसी रहने तक उन्होंने विश्लेषण किया और उसके अनुसार आदर्श किसी भी तरह से सेना के लिए खतरा नहीं है। सिंह का दावा है की आदर्श ही क्या बेस के आसपास के किसी भी हाई राइस इमारत से बेस को कोई खतरा नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि अब तो इस बात की जांच करनी चाहिए कि इस पूरे मामले को किसने गलत तरीके से उछाला है। इसके पहले कमीशन के सामने पेश हुए पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर ने भी आदर्श से किसी भी प्रकार का खतरा होने से इनकार किया था। दीपक कपूर के इस बयान के बाद देश के रक्षामंत्री एंटनी को सफाई देनी पड़ी थी।
गौरतलब है कि कपूर और सिंह का इमारत में फ्लैट है और ऐसे में उनका इमारत को सेना के बेस के लिए खतरा न बताना लाजमी है।
आदर्श कमीशन के सामने पेश हुए सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह ने एक बार फिर रक्षा मंत्रालय के दावों पर सवालिया निशान लगा दिया है। जहां रक्षा मंत्रालय दावा कर रहा है कि आदर्श इमारत कोलाबा के सेना बेस के लिए एक बड़ा खतरा है वहीं कमीशन के सामने पेश हुए इन दोनों अधिकारियों ने कहा है कि खतरे की कोई बात नहीं है।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कमीशन को बताया कि आदर्श इमारत के बारे में अफवाह चल रही थी कि कोलाबा इलाके में बन रही सिविलियन इमारत में सेना के लोगों को भी फ्लैट मिल रहा है। इस अफवाह के बारे में मुझे मेरी दिल्ली पोस्टिंग के दौरान पता चला। मुंबई में पोस्टिंग साल 2005 में हुई लेकिन इमारत में फ्लैट के लिए साल 2006 में आवेदन किया।
आवेदन देने से पहले इमारत और जगह के बारे में सारी बातें पता कर ली थीं। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने दावा किया कि पूरे कोलाबा स्टेशन में सिर्फ सेना की रिहाइशी इमारतें हैं न कि सेना का कोई हथियारों का भंडार। ऐसे में आदर्श इमारत से कैसे खतरा हो सकता है? सिंह ने बताया, आदर्श इमारत से सिर्फ सेना को रसद पहुंचाने वाले विंग के डिपो को देखा जा सकता है, क्या ये रसद विंग कोई संवेदनशील लोकेशन है?
सिंह ने कमीशन को यह भी बताया कि उनके जीओसी रहने तक उन्होंने विश्लेषण किया और उसके अनुसार आदर्श किसी भी तरह से सेना के लिए खतरा नहीं है। सिंह का दावा है की आदर्श ही क्या बेस के आसपास के किसी भी हाई राइस इमारत से बेस को कोई खतरा नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि अब तो इस बात की जांच करनी चाहिए कि इस पूरे मामले को किसने गलत तरीके से उछाला है। इसके पहले कमीशन के सामने पेश हुए पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर ने भी आदर्श से किसी भी प्रकार का खतरा होने से इनकार किया था। दीपक कपूर के इस बयान के बाद देश के रक्षामंत्री एंटनी को सफाई देनी पड़ी थी।
गौरतलब है कि कपूर और सिंह का इमारत में फ्लैट है और ऐसे में उनका इमारत को सेना के बेस के लिए खतरा न बताना लाजमी है।
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