सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ (LIC IPO) लाने की तैयारी में तेजी से चल रही है. दूसरी ओर सरकार के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. सरकार ने रविवार को एलआईसी आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास मसौदा दस्तावेज जमा किया. इसके एक दिन बाद यानी सोमवार को ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIIEA) ने एलआईसी मुख्यालय पर सरकार आईपीओ लाने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया. LIC IPO लाने के सरकार के फैसले के खिलाफ एलआईसी कर्मचारियों के एम्पलाई यूनियन ने दिल्ली हेडक्वार्टर में विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
एलआईसी कर्मचारी यूनियन ने तय किया है कि वह 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई हड़ताल का समर्थन करेंगे और इन 2 दिनों में करीब सवा लाख इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी हड़ताल करेंगे.
यह भी तय किया गया है कि जिस दिन आईपीओ जारी होगा उस दिन पूरे देश में एलआईसी के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे.LIC कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी का निजीकरण बड़े स्तर पर करने की कवायद में जुटी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है. मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है.
गौरतलब है कि एलआईसी के आईपीओ में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. इसमें जीवन बीमा निगम के पॉलिसीधारिकों को भी हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा. उनके लिए 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित होगा. उन्हें आईपीओ निर्गम मूल्य में छूट भी दी जाएगी.
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