प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
मुम्बई में लेप्टोस्पायरोसिस से अब तक 16 मौतें हो चुकी हैं और अब तक करीब 62 मामले सामने आये हैं। जानकारों का कहना है कि अधिकतम मौतें इलाज में हुई देरी की वजह से हुई। डॉक्टर कह रहे हैं कि लोगों ने बिमारी के शुरुवाती लक्षणों को अनदेखा किया और जब तक वो इलाज के लिए अस्पताल आये उनकी स्थिति काफी ख़राब हो चुकी थी।
डॉ. ओम श्रीवास्तव का कहना है कि एक वक़्त के बाद मरीज उस दशा में पहुंच जाता है जिसके बाद doxycyclin और बाकि एंटीबायोटिक्स काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग बुखार, बदन दर्द और पेट दर्द जैसे किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें और वक़्त पर अपना इलाज करवाएं।'
बीएमसी हेल्थ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डॉ. पद्मजा केसकर ने कहा, 'बीएमसी लेप्टो से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाएं मुहैया करा दी गयी हैं। सभी मरीजों से निवेदन है कि इस बीमारी के किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें और वक़्त पर अपना इलाज करें और अपने खून की जांच कराएं।'
बीएमसी का दावा है कि उन्होंने अपना सफाई अभियान और ज़ोरोशोरों से शुरू कर दिया है। चूहे मारने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। चूहे मारने के विभाग का बजट बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इंसेक्टिसाइड ऑफिसर राजन निरंगलेकर ने कहा, '19 जून की भारी बरसात के वक़्त जिन-जिन जगहों पर पानी भारी मात्रा में जमा हुआ था वहां पर चूहे मारने का काम चल रहा है।'
डॉ. ओम श्रीवास्तव का कहना है कि एक वक़्त के बाद मरीज उस दशा में पहुंच जाता है जिसके बाद doxycyclin और बाकि एंटीबायोटिक्स काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग बुखार, बदन दर्द और पेट दर्द जैसे किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें और वक़्त पर अपना इलाज करवाएं।'
बीएमसी हेल्थ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डॉ. पद्मजा केसकर ने कहा, 'बीएमसी लेप्टो से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाएं मुहैया करा दी गयी हैं। सभी मरीजों से निवेदन है कि इस बीमारी के किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें और वक़्त पर अपना इलाज करें और अपने खून की जांच कराएं।'
बीएमसी का दावा है कि उन्होंने अपना सफाई अभियान और ज़ोरोशोरों से शुरू कर दिया है। चूहे मारने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। चूहे मारने के विभाग का बजट बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इंसेक्टिसाइड ऑफिसर राजन निरंगलेकर ने कहा, '19 जून की भारी बरसात के वक़्त जिन-जिन जगहों पर पानी भारी मात्रा में जमा हुआ था वहां पर चूहे मारने का काम चल रहा है।'
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