राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा (Delhi Borders) पर पिछले तीन हफ्ते से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच उसमें सक्रिय और अहम भूमिका निभाने वाले पंजाब के एक किसान संगठन (Farmers Organisation) पर कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना विदेश से फंड लेने का आरोप लगाया गया है. बैंक ने उस किसान संगठन को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द जरूरी रजिस्ट्रेशन पूरा करे. जिस संगठन पर ये आरोप लगाया गया है, उसका नाम भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) (The Bharatiya Kisan Union (Ugrahan) है.
यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा है कि उन्हें पंजाब के मोगा जिले के पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारियों द्वारा बुलाया गया था और फॉरेक्स विभाग के एक मेल के बारे में बताया गया. सिंह ने बताया कि उनके संगठन को पिछले दो महीनों में 8 से 9 लाख रुपये मिले हैं, जिसके बारे में बैंक अधिकारियों ने हमें तलब किया था. उन्होंने बताया कि यह पैसा आमतौर पर विदेशों में रहने वाले पंजाबियों ने भेजे हैं जो नियमित रूप से सामाजिक कारणों से दान करते रहे हैं.
सिंह ने कहा कि जब बैंक उन्हें लिखित में नोटिस देगी तभी उनका संगठन इस पर कोई जवाब देगा. बीकेयू (उग्रहन) के प्रमुख जोगिंदर उग्रा ने कहा, "जो भी प्रवासी भारतीय हमें फंड भेज रहे हैं, वे पंजाब के हैं और विदेशों में रह रहे हैं. वे सिर्फ मदद कर रहे हैं. इसमें किसी को क्या समस्या है? यह उनका भी विरोध है. हम किसी आर्थिया या कमीशन एजेंट की तो मदद नहीं ले रहे हैं?"
बता दें कि पिछले वर्षों में, एनडीए सरकार ने विदेशों से फंड लेने का नियम बहुत कड़े कर दिए हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर कई गैर सरकारी संगठनों पर कार्रवाई की है.
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि किसान संगठन पर कर कानूनों का इस्तेमाल करना विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध को कम करने और उसे दबाने की केंद्र सरकार की एक कुत्सित कोशिश है. किसानों का आदोलन आज 25वें दिन भी जारी है.
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