यह ख़बर 30 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना के बाद विदर्भ की मांग ने पकड़ा जोर

खास बातें

  • अलग तेलंगाना राज्य के गठन पर संप्रग सरकार की सहमति की संभावना के साथ ही अब महाराष्ट्र से एक अलग विदर्भ राज्य के गठन की मांग ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
नागपुर:

अलग तेलंगाना राज्य के गठन पर संप्रग सरकार की सहमति की संभावना के साथ ही अब महाराष्ट्र से एक अलग विदर्भ राज्य के गठन की मांग ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।

विदर्भ राज्य के गठन के लिए लंबे अर्से से आंदोलन चला रहे पूर्व बीजेपी सांसद बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि उनकी पार्टी ने अलग विदर्भ राज्य के गठन के लिए वर्ष 1992 में ही अपनी भुवनेश्वर कार्यकारी समिति में प्रस्ताव पारित किया था।

इस मकसद के लिए एक अलग राजनीतिक संगठन बनाने वाले पुरोहित ने कहा कि अब भाजपा को अपने गठबंधन साझेदार शिवसेना को इसके लिए मनाना चाहिए।

नागपुर से कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवर ने कहा कि अलग विदर्भ के गठन का मुद्दा पहले भी उपयुक्त मंचों पर कई बार उठाया जाता रहा है।

अलग विदर्भ राज्य के समर्थकों में से एक महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रबीर चक्रवर्ती ने कहा कि अपनी इस मांग पर दबाव बनाने के लिए पूर्व विधायक वामनराव छतप के साथ दीपक निलावर, अहमद कदर और शेतकारी संगठन के राम नेवले सहित विदर्भ समर्थक नेताओं का समूह पांच अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देगा।

विदर्भ क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस के दो दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री एनकेपी साल्वे और वसंत साठे ने भी कुछ वर्ष पहले यह मुद्दा उठाया था और अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी बैठे थे।

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एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि अलग विदर्भ के गठन की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए राजीव गांधी द्वारा यहां भेजे गए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी ए संगमा ने इसके लिए सकारात्मक संकेत दिए थे, लेकिन किसी कारणवश तब यह नहीं किया जा सका था।