झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को प्रारंभिक जांच के बाद दावा किया कि मनिका थाना क्षेत्र के सेमरहट में हुई दो नाबालिग बच्चों की निर्मम हत्या वास्तव में कोई नरबलि नहीं थी.
पलामू क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) विपुल शुक्ला ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक प्रेस वार्ता में ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मृतक शीला, सुनील उरांव नाम के शख्स के घर गई थी और आरोपी सुनील उरांव उसके साथ गलत हरकत करने का प्रयास कर रहा था. इसी बीच दूसरा बच्चा निर्मल भी वहां पहुंच गया. निर्मल ने सुनील को शीला के साथ गलत हरकत करते देख लिया.
डीआईजी ने बताया कि इसके बाद सुनील ने दोनों को पकड़कर घर में बंद कर दिया और बुधवार की रात में ही तेजधार हथियार से दोनों की गला रेतकर हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि हत्या में प्रयुक्त हथियार को पुलिस ने बरामद कर लिया है. उन्होंने आगे कहा कि सुनील के मानसिक रोगी होने के संकेत मिले हैं.
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने निर्मल का कटा सिर बरामद कर लिया है और अभी शीला के कटे सिर की तलाश की जा रही है. शुक्ला ने बताया कि सुनील की आपराधिक पृष्टभूमि रही है. इससे पहले वह अपने बहनोई डुडुआ भगत एवं गांव के ही एक शख्स की हत्या कर चुका है. मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण कड़ी सुरक्षा में उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.
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(इनपुट भाषा से)
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