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श्रीलंका में ‘युद्ध अपराधियों’ को सजा की अपनी मांग पर केन्द्र पर दबाव बढ़ाते हुए संप्रग के महत्वपूर्ण घटक द्रमुक ने शुक्रवार को धमकी दी कि अगर जिनेवा में यूएनएचआरसी में अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में संशोधन लाने की उसकी मांग नहीं मानी गई तो वह केन्द्रीय मंत
पार्टी प्रमुख एम करुणानिधि ने शुक्रवार को देर रात एक बयान में कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो द्रमुक के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नीत मंत्रिमंडल में बने रहना महत्वहीन हो जाएगा।
पार्टी की मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के प्रस्ताव पर कई तरह की बातें आ रही हैं, द्रमुक नयी दिल्ली से जोर देकर इस प्रस्ताव में यह संशोधन लाने के लिए कहती है कि नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान हो और तय समयसीमा में युद्ध अपराधियों के खिलाफ निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच हो।
द्रमुक नई दिल्ली पर दबाव बना रही है कि वह प्रस्ताव के समर्थन में वोट दे।
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