लखीमपुर खीरी: 'मंत्री पुत्र' भेजे गए जेल, घटनास्थल पर मौजूद ना होने की दलील भी नहीं आई काम- सूत्र; 10 बड़ी बातें

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार को लखीमपुर खीरी में 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. आशीष मिश्रा को रात 12.30 बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. SIT पूछताछ के लिए तीन दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही थी, लेकिन आशीष मिश्रा के वकीलों ने इसका विरोध किया. ऐसे में ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने आशीष को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिए. फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी.पुलिस का कहना है कि वह 'टालमटोल करने वाला जवाब' दे रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहा थे. उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, मंत्री के बेटे से कई सवाल पूछ गए, जिनका वह सही से जवाब नहीं दे पाए. उससे पूछा गया है कि वह घटना के दिन दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच कहां था?

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. शनिवार को आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) अपने कानूनी सलाहकारों के साथ SIT दफ्तर पहुंचे थे. उनके पास कई वीडियो भी थे, लेकिन 3 अक्टूबर दोपहर ढ़ाई बजे से लेकर 3.45 के बीच वो कहां थे इस बाबत कोई पुख्ता सबूत नहीं पेश कर पाए.

  2. यही नहीं उनकी गाड़ी थार में कारतूस कैसे पहुंचे इसका भी उनके पास जवाब नहीं था. कई प्रत्यक्षदर्शियों ने फायरिंग की बात कही, उस बाबत जब उनकी और उनके दोस्त अंकित दास की भूमिका पूछी गई तो उस सवाल का जवाब भी वो टालते रहे. SIT के कई सवालों पर उनका जवाब संतोषजनक नहीं था, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया. 

  3. शनिवार को उनकी गिरफ्तारी के मद्देनजर तनाव को देखते हुए लखीमपुर खीरी के कई जगहों पर पुलिस फोर्स को भी लगाया गया है. सोमवार को आशीष मिश्रा रिमांड मामले की अदालत में सुनवाई होगी. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने तिकुनिया में मारे गए किसानों के लिए श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम भी रखा है. 

  4. मंत्री के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा का तीन घंटे तक इंतजार करने वाले यूपी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसे पिछले दरवाजे से लाया. जिससे उन्हें मीडिया की भीड़ से बचने में मदद मिली. आशीष मिश्रा से देर रात तक पूछताछ की गई. यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को कानून की एक धारा के तहत नोटिस जारी किया था, जो गवाहों की उपस्थिति से संबंधित है, आरोपी से नहीं.

  5. उत्तर प्रदेस पुलिस के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, मंत्री का बेटा पिछले रविवार को घटना के दौरान कहां मौजूदा था, इस बारे में कई चीजें स्पष्ट नहीं कर पाया. गवाहों का कहना है कि आशीष मिश्रा उस कार्यक्रम से गायब था, जहां उसने बताया था कि वह 2 से 4 बजे के बीच था. उसकी फोन की लोकेशन भी क्राइम सीन के करीब मिली. किसानों को टक्कर मारने वाली एसयूवी के ड्राइवर के बारे में उसने ब्योरा दिया है वो भी मेल नहीं खा रहा है.

  6. मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के एक दिन बाद हुई जिसमें कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि इस घटना पर देशव्यापी आक्रोश है. कोर्ट ने कहा था कि किसान समूहों के बढ़ते दबाव के बीच कानून को इस मामले में "जो भी शामिल है" उसके खिलाफ अपना काम करना चाहिए.

  7. जस्टिस एनवी रमना ने तीखी फटकार में कहा था, "आप क्या संदेश भेज रहे हैं? सामान्य परिस्थितियों में भी... क्या पुलिस तुरंत नहीं जाएगी और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करेगी? चीजें उस तरह से आगे नहीं बढ़ीं जो उन्हें होनी चाहिए थी. यह केवल शब्द प्रतीत होता है, कार्रवाई नहीं."

  8. एक दिन पहले अपने बेटे के सामने न आने के बाद मंत्री अजय मिश्रा ने कहा था कि आशीष मिश्रा शनिवार को पेश होंगे. उन्होंने कहा कि उनका बेटा खराब स्वास्थ्य के कारण समन का जवाब नहीं दे सका.

  9. आशीष मिश्रा का नाम किसानों द्वारा दायर FIR में लिया गया है. जिसमें कहा गया है कि किसानों के शांतिपूर्ण मार्च के बीच से आशीष अपनी कार से तेज गति से लोगों को रौंदते निकला. इस घटना और इससे हुई हिंसा में चार किसानों और काफिले के चार लोगों सहित आठ लोगों की मौत हो गई. हालांकि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने स्वीकार किया कि किसानों के ऊपर से दौड़ी एसयूवी उनकी है, लेकिन उनका कहना है कि वह उसमें नहीं थे.

  10. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचते ही गुरुवार को दो लोगों लव कुश और आशीष पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने कहा कि वे कथित तौर पर उसी वाहन में सवार थे जो एक पत्रकार और किसानों के ऊपर चढ़ गई था.