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This Article is From Oct 13, 2021

लखीमपुर खीरी कांडः मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज, एक और गिरफ्तारी

घटना वाले दिन 3 अक्टूबर को अंकित की फॉर्च्यूनर में सवार उसके एक कर्मचारी शेखर भारती को किसानों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा था. उसने बताया की वह थार के पीछे चल रही गाड़ी में बैठा था.

लखीमपुर खीरी कांडः मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज, एक और गिरफ्तारी
लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज. (फाइल फोटो)
लखीमपुर-खीरी:

लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri case) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका आज लखीमपुर की सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी. उधर आशीष मिश्रा के दोस्त और पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित को आज इस कांड में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. घटना वाले दिन किसानों को कुचलने वाली महिंद्रा थार के पीछे दौड़ रही फॉर्च्यूनर अंकित की ही थी, वह उसमें सवार भी था. अंकित के साथ उसके प्राइवेट गनर टातीफ उर्फ काले को भी गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.

वारदात के वीडियो से यह स्पष्ट नहीं पता चलता की क्या फॉर्च्यूनर के नीचे भी किसान आए थे या नहीं. अंकित के वकील ने कहा कि 22 अक्टूबर तक के लिए अंकित दास को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. स्लिप डिस्क से बीमार हैं, शुगर के मरीज हैं, लीवर के मरीज हैं. उनका हमने मेडिकल लगाया है की पुलिस हिरासत में जाने से उन्हें समस्या होगी. टॉयलेट में बैठने में भी इनको समस्या होती है. अंकित दास गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा का करीबी बताया जाता है. अंकित लखीमपुर खीरी में जमीन और ठेकेदारी का काम करता है.

बता दें कि घटना वाले दिन 3 अक्टूबर को अंकित की फॉर्च्यूनर में सवार उसके एक कर्मचारी शेखर भारती को किसानों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा था. उसने बताया की वह थार के पीछे चल रही गाड़ी में बैठा था. शेखर से जब पूछा गया कि दूसरी गाड़ी किसकी थी, तो उसने जानकारी न होने की बात कही. उसने कहा कि वह उनके साथ सिर्फ लिखा-पढ़ी का काम करता है. जब उससे वारदार के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि थार सबके ऊपर चढ़ती हुई जा रही थी.

उधर, आज घाटना के दसवें दिन प्रदेश सरकार के नुमाइंदे कानून मंत्री बृजेश पाठक ने लखीमपुर में भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा और थार के ड्राइवर हरिओम के घर वालों से मुलाकात की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया.

शुभम मिश्रा के पिता विजय मिश्रा ने कहा कि बृजेश पाठक ने उनसे कहा है की आपके बेटे को शहीद का दर्जा देंगे. वह पार्टी के लिए शहीद हुआ है. वह अपने काम से नहीं बल्कि माननीय उपमुख्यमंत्री जी को रिसीव करने जा रहा था. हमें भरोसा है की हमारी पार्टी हमारे साथ खड़ी है.

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