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This Article is From Jun 18, 2020

लद्दाख में संघर्ष के बाद व्‍यापारियों के संगठन CAIT ने किया चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान

CAIT ने वस्तुओं की एक सूची जारी की है जिसके बारे में कहा गया है कि इसका बहिष्कार किया जा सकता है. इस अभियान के एक हिस्से के रूप में यह न सिर्फ व्यापारियों को चीनी सामान नहीं बेचने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि उपभोक्ताओं से स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह करेगा.

लद्दाख में संघर्ष के बाद व्‍यापारियों के संगठन CAIT ने किया चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान
लद्दाख संघर्ष के खिलाफ गुस्‍सा जताते हुए दिल्‍ली में चीनी उत्‍पादों को जलाया गया
नई दिल्ली:

Ladakh Clash: पूर्वी लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प के बाद देश में चीनी सामान के बहिष्कार (Boycott of Chinese Goods)  का आह्वान शुरू हो गया है. सोमवार शाम को हुई इस झड़प में एक कर्नल सहित भारत के 20 सैनिक (Indian Soldier) मारे गए थे. व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन, कॉन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इस बायकॉट का आह्वान किया है. संगठन ने अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, महेंद्र सिंह धोनी, और सचिन तेंदुलकर सहित मशहूर हस्तियों से अपील की है कि वे भारतीय सामान-हमारा अभिमान अभियान के तहत चीनी उत्पादों को एंडोर्समेंट बंद करें.

7 करोड़ व्यापारियों और 40,000 व्यापार संघों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले CAIT ने वस्तुओं की एक सूची जारी की है जिसके बारे में कहा गया है कि इसका बहिष्कार किया जा सकता है. इस अभियान के एक हिस्से के रूप में यह न सिर्फ व्यापारियों को चीनी सामान नहीं बेचने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि उपभोक्ताओं से स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह करेगा. लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों के खिलाफ चीन के हमले के कारण आज हर भारतीय आक्रोशित है.

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, भारत के प्रति चीन के दुश्मनी का लगातार रवैये और कटुता को लेकर CAIT ने मशहूर हस्तियों को 'ओपन लेटर' लिखा है. गौरतलब है कि CAIT ने देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर 10 जून से एक राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान' शुरू किया है. इस अभियान के तहत संगठन ने दिसंबर 2021 तक चीनी वस्तुओं के भारत द्वारा आयात में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये कटौती का लक्ष्य रखा है. कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले लगभग 3000 ऐसे उत्पादों की सूची बनायी है, जिनके आयात नहीं करने से देश को कोई अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वस्तुएं देश में पहले से बन रही हैं. 

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