New Delhi:
सूत्रों के मुताबिक टीम अन्ना के सदस्यों पर लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर कोर कमेटी को भंग करने का प्रस्ताव टीम की कल होने वाली बैठक में आ सकता है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी भंग करने के बारे में फैसला खुद अन्ना हजारे लेंगे। हालांकि कल होने वाली बैठक में अन्ना शामिल नहीं हो रहे हैं। इससे पहले, अन्ना हजारे के करीबी माने जाने वाले कुमार विश्वास ने मौजूदा टीम अन्ना को भंग करने की मांग की है। कुमार विश्वास ने अन्ना को चिट्ठी लिखकर कहा है कि मौजूदा कोर कमेटी को 121 करोड़ लोगों की कोर कमेटी में बदल दिया जाए। कुमार विश्वास मौजूदा टीम अन्ना के सदस्यों को लेकर पैदा हो रहे विवादों से दुखी हैं और उनका मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को भटकाने के लिए ये हमले हो रहे हैं। ऐसा करने वाले चाहते हैं कि अन्ना और उनकी टीम इन आरोपों पर सफाई देने में ही उलझी रहे। कुमार विश्वास का मानना है कि टीम अन्ना को भंग करने से भ्रष्टाचारियों को आंदोलन को भटकाने का मौका नहीं मिलेगा और आंदोलन अपने सही मकसद की ओर बढ़ सकेगा।कोर कमेटी की बैठक की पूर्व संध्या पर कुमार विश्वास ने इस संबंध में हजारे को पत्र लिखा और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता हजारे को निशाने बना रहे हैं और उनकी सार्वजनिक छवि और विश्वसनीयता को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं। कुमार विश्वास ने लिखा, इन सब हमलों और उनकी सफाई देने से मूल मुद्दे से ध्यान हटाने का इनका षडयंत्र बलशाली होगा। ऐसा होने पर न केवल जन लोकपाल का मुद्दा प्रभावित होगा, अपितु करोड़ों भारतवासियों के उस विश्वास को भी आघात पहुंचेगा, जिसमें वे संवैधानिक, अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से देश की समस्याओं का हल ढूंढते हैं। उन्होंने कहा, मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि आप सीमित लोगों की इस कोर कमेटी को विस्तार देकर इसे 121 करोड़ लोगों की हार्ड-कोर कमेटी में रूपांतरित कर दें। कुमार विश्वास ने हजारे से कहा, मैं पुन: आपसे निवेदन करता हूं कि इस कोर कमेटी को स्थगित कर एक नई व्यवस्था का सृजन करें, जिससे भ्रष्टाचार-मुक्त नव भारत का हम सबका सपना साकार हो सके। कुमार विश्वास का यह पत्र गाजियाबाद में कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक के ठीक पहले आया है, जो टीम अन्ना के प्रमुख सदस्यों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के खिलाफ लगे कई आरोपों और दो प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं राजेंद्र सिंह और पीवी राजगोपाल के इस्तीफा देने की पृष्ठभूमि में हो रही है। कॉलेज में व्याख्याता और कवि कुमार विश्वास ने कहा कि भ्रष्ट ताकतों द्वारा कोर कमेटी के प्रमुख सदस्यों के खिलाफ निजी हमले इस बात का सबूत हैं कि ये लोग सशक्त लोकपाल के समर्थन में अभियान में सक्रिय रूप से शामिल लोगों को तटस्थ या आहत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमले न केवल जनलोकपाल को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि करोड़ों भारतीयों के आत्मविश्वास को कमजोर करेगा। कुमार विश्वास ने कहा, सरकार ने कुछ भ्रामक कदम उठाने के अलावा अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। एक ओर तो माननीय प्रधानमंत्री जी पत्र लिखकर आपको आश्वस्त करते हैं कि लोकपाल की दिशा में आवश्यक कार्रवाई होगी, तो दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टी के नेतागण आपकी और कोर कमेटी के एक एक व्यक्ति की सार्वजनिक छवि एवं विश्वसनीयता को धूमिल करने में जी-जान से जुटे हैं।(इनपुट भाषा से भी)
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