कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कुलभूषण जाधव की मां के वीजा आवेदन पर विचार किया जा रहा है. यह बात पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कही है. हालांकि इस बारे में भारत को अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है.क्या कुलभूषण जाधव की मां अवंतिका जाधव अपने बेटे से मिलने पाकिस्तान जा पाएंगी, इसे लेकर एक उम्मीद पैदा हुई है.
पाकिस्तान का कहना है कि इस पर विचार किया जा रहा है. पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के मुताबिक "भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान में विचार हो रहा है. जैसा कि आपको मालूम है, भारतीय नौसेना में काम कर रहे कमांडर जाधव पाकिस्तान में जासूसी, तोड़फोड़, आतंकवाद और आतंकवाद की वित्तीय मदद में शामिल रहे हैं. उन्हें मौत की सजा मिली है और पाकिस्तान में अपने साथियों और नेटवर्क को जो जानकारी उन्होंने मुहैया कराई है, उसके आधार पर जांच अब भी जारी है."
जाहिर है पाकिस्तान वीजा अनुरोध पर विचार के साथ-साथ कुलभूषण जाधव पर आरोप को संगीन बताने से भी नहीं चूक रहा. इस बाबत भारत को उसने कोई जानकारी भी नहीं दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एनडीटीवी के सवाल के जवाब में कहा कि मीडिया रिपोर्टें उन्होंने भी देखी हैं पर इस बाबत राजनयिक चैनल के जरिए पाकिस्तान ने कोई सूचना नहीं दी है.
उल्लेखनीय है कि इसी सोमवार को भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी विदेशमंत्री सरताज अज़ीज़ पर जमकर बरसते हुए उन पर उस 'खत का जवाब देने तक का शिष्टाचार नहीं निभाने' का आरोप लगाया, जिसमें सुषमा ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव, जिसे पाकिस्तान में मौत की सज़ा सुनाई गई है, की मां को वीजा दिए जाने का आग्रह किया था. एक के बाद एक लिखे नौ ट्वीट में सुषमा स्वराज ने बताया कि उन्होंने सरताज अज़ीज़ को 'व्यक्तिगत पत्र' लिखा था, लेकिन "श्री अज़ीज़ ने मेरे खत का जवाब देने तक का साधारण शिष्टाचार भी नहीं निभाया..."
वीडियो
वीजा रिक्वेस्ट पर विचार से ही वीजा देने का रास्ता खुलता है. लेकिन यह पाकिस्तान है जो विचार कर भी इनकार कर सकता है. लिहाजा आधिकारिक तौर पर सूचना आने से पहले विदेश मंत्रालय पक्के तौर पर कुछ नहीं कहना चाहता.
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद एक जून को पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय नागरिक को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी, जबतक उसकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.
विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान जारी किया, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह जाधव मामले में 18 मई के आईसीजे के फैसले के बाद भारतीय मीडिया में आए 'कुछ गलत बयानों,आरोपों' के जवाब में है.
जकारिया ने कहा कि आईसीजे के स्थगन के बावजूद जाधव तब तक जिंदा रहेगा, जब तक उसके दया के अधिकार के तहत की गई अंतिम याचिका पर फैसला नहीं आ जाता, जिसमें पहले चरण में सेना प्रमुख और बाद में पाकिस्तानी राष्ट्रपति के पास याचिका दायर करने का अधिकार है.
पाकिस्तान का कहना है कि इस पर विचार किया जा रहा है. पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के मुताबिक "भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान में विचार हो रहा है. जैसा कि आपको मालूम है, भारतीय नौसेना में काम कर रहे कमांडर जाधव पाकिस्तान में जासूसी, तोड़फोड़, आतंकवाद और आतंकवाद की वित्तीय मदद में शामिल रहे हैं. उन्हें मौत की सजा मिली है और पाकिस्तान में अपने साथियों और नेटवर्क को जो जानकारी उन्होंने मुहैया कराई है, उसके आधार पर जांच अब भी जारी है."
जाहिर है पाकिस्तान वीजा अनुरोध पर विचार के साथ-साथ कुलभूषण जाधव पर आरोप को संगीन बताने से भी नहीं चूक रहा. इस बाबत भारत को उसने कोई जानकारी भी नहीं दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एनडीटीवी के सवाल के जवाब में कहा कि मीडिया रिपोर्टें उन्होंने भी देखी हैं पर इस बाबत राजनयिक चैनल के जरिए पाकिस्तान ने कोई सूचना नहीं दी है.
उल्लेखनीय है कि इसी सोमवार को भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी विदेशमंत्री सरताज अज़ीज़ पर जमकर बरसते हुए उन पर उस 'खत का जवाब देने तक का शिष्टाचार नहीं निभाने' का आरोप लगाया, जिसमें सुषमा ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव, जिसे पाकिस्तान में मौत की सज़ा सुनाई गई है, की मां को वीजा दिए जाने का आग्रह किया था. एक के बाद एक लिखे नौ ट्वीट में सुषमा स्वराज ने बताया कि उन्होंने सरताज अज़ीज़ को 'व्यक्तिगत पत्र' लिखा था, लेकिन "श्री अज़ीज़ ने मेरे खत का जवाब देने तक का साधारण शिष्टाचार भी नहीं निभाया..."
वीडियो
वीजा रिक्वेस्ट पर विचार से ही वीजा देने का रास्ता खुलता है. लेकिन यह पाकिस्तान है जो विचार कर भी इनकार कर सकता है. लिहाजा आधिकारिक तौर पर सूचना आने से पहले विदेश मंत्रालय पक्के तौर पर कुछ नहीं कहना चाहता.
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद एक जून को पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय नागरिक को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी, जबतक उसकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.
विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान जारी किया, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह जाधव मामले में 18 मई के आईसीजे के फैसले के बाद भारतीय मीडिया में आए 'कुछ गलत बयानों,आरोपों' के जवाब में है.
जकारिया ने कहा कि आईसीजे के स्थगन के बावजूद जाधव तब तक जिंदा रहेगा, जब तक उसके दया के अधिकार के तहत की गई अंतिम याचिका पर फैसला नहीं आ जाता, जिसमें पहले चरण में सेना प्रमुख और बाद में पाकिस्तानी राष्ट्रपति के पास याचिका दायर करने का अधिकार है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं