विज्ञापन
This Article is From Jun 19, 2015

बीजेपी की चाय पर चर्चा के जवाब में नीतीश का परचा पर चर्चा

बीजेपी की चाय पर चर्चा के जवाब में नीतीश का परचा पर चर्चा
नीतीश कुमार की फाइल फोटो
पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव अब तक का सबसे हाईटेक चुनाव होगा। जहां बीजेपी चुनाव प्रचार में अपने प्रचार के नए-नए तरीकों के कारण जानी जाती है वहीं शायद पहली बार दिल्‍ली के बाद उन्हें अपने विरोधियों की तरफ से प्रचार में कड़ी टक्कर मिलेगी।

शुक्रवार को पटना में नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ता सम्मलेन में बीजेपी के लोकसभा चुनाव में चाय पे चर्चा के मुकाबले परचा पर चर्चा कार्यक्रम चलाने का ऐलान किया। इसकी विधिवत घोषणा करते हुए नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के हर कार्यकर्ता, विधायक और सांसद को 2 जुलाई से एक दिन में दस घरों में जाकर एक परचा, जिसमें चार सवाल होंगे, उसपर चर्चा करने के लिए अपील की।

इस परचे में लोगों से पूछा जायेगा कि पिछले दस सालों में नीतीश कुमार के शासनकाल में उनके जिले में कुछ विकास हुआ या नहीं, नितीश कुमार के मुख्यमंत्री काल के बारे में उनका क्या फीडबैक है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में कम से कम 1 करोड़ घरों तक जाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

इस अभियान के दौरान कार्यकर्ताओं के मोबाइल फ़ोन में वो क्लिप भी लोड होगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कला धन वापस लाने और हर खाते में 15 लाख जमा करने का वादा किया था और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष आर्थिक पैकेज और विशेष सहायता का वादा किया था। नीतीश ने कार्यर्ताओं से किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने के वादे को भी दिखाने की अपील की।

लालू यादव से चुनावी गठबंधन की विधिवत घोषणा होने के बाद नीतीश पहली बार अपने पूरे राज्य के कार्यकर्ताओं, पार्टी के सभी नेताओं से एक साथ रूबरू हो रहे थे। उन्होंने साफ़ किया कि अपने दस सालों के कार्यकाल के दौरान राज्य में कानून के राज के मामले में कभी किसी से समझौता न किया और न ही वो करेंगे। लेकिन अपने कार्यकर्ताओं से बीजेपी के समर्थकों से ये पूछने के लिए कहा कि उनका कैसा मंगल राज हैं जहां आर्थिक अपराधियों को मानवीय आधार पर सहायता पहुंचाई जा रही है।

बीजेपी द्वारा ये स्‍पष्‍ट होने के बाद कि अब बिहार में उनका मुख्यमंत्री पद का कोई उमीदवार नहीं होगा और पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी, नीतीश ने बिना नाम लिए कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार के 13 महीने के कार्यकाल में केवल अमीर अमीर हुए और गरीब गरीब हुआ।

नीतीश ने कहा कि मात्र 5 बड़े ऑद्योगिक घराने की संपत्ति में 65 हज़ार करोड़ की वृद्धि हुई जबकि शिक्षा लोन और कृषि लोन में भारी गिरावट आई है।

नीतीश ने अपने शासनकाल की चर्चा करते हुए कहा, 'जो कहा है वो करके दिखाया है, आम लोगों की तरक्‍की हुई लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है।'

नीतीश ने अपने इस सम्मलेन में योग दिवस पर हो रहे कार्यक्रम पर भी चुटकी ली और कहा कि असल मकसद योग के बहाने एक नया विवाद खड़ा करना था और समाज में विवाद पैदा कर उसका लाभ उठाना था। लेकिन शायद वो सफल नहीं हो पाये। बीजेपी की शिकायत है कि बिहार सरकार योग दिवस को गंभीरता से नहीं ले रही और जो भी आदेश दिए गए हैं वो खानापूर्ति हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2 साल बाद मिली जमानत
बीजेपी की चाय पर चर्चा के जवाब में नीतीश का परचा पर चर्चा
डेमोग्राफिक डिसऑर्डर के परिणाम परमाणु बम से कम गंभीर नहीं, जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा?
Next Article
डेमोग्राफिक डिसऑर्डर के परिणाम परमाणु बम से कम गंभीर नहीं, जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com