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This Article is From May 10, 2017

हत्या से पहले सैन्य अधिकारी फैयाज को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था: सूत्र

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना के एक लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है. घटना मंगलवार रात को कश्मीर के कुलगाम में हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हत्या के पहले अधिकारी को बुरी तररह प्रताड़ित किया गया. सूत्रों ने यह भी बताया कि फैयाज के शरीर में घाव के कई निशान मिले हैं.

हत्या से पहले सैन्य अधिकारी फैयाज को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था: सूत्र
सूत्रों ने बताया कि फैयाज के शरीर में घाव के कई निशान मिले हैं...
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना के एक लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है. घटना मंगलवार रात को कश्मीर के कुलगाम में हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हत्या के पहले अधिकारी को बुरी तररह प्रताड़ित किया गया. सूत्रों ने यह भी बताया कि फैयाज के शरीर में घाव के कई निशान मिले हैं. उमर फैयाज का शव शोपियां में मिला था. जम्मू के अखनूर में राजपुताना राइफल्स में तैनात फैयाज दिसंबर 2016 में ही सेना भर्ती हुआ था.  सेना से मिली जानकारी के मुताबिक- 22 साल का फयाज छुट्टी में अपने घर आया था और शादी में शामिल होने के लिए कुलगाम गया हुआ था.

यहां पर ही आतंकवादियों ने बंदूक की नोक पर उसका अपहरण किया और फिर हत्या कर दी. सेना मे डॉक्टर रहे फयाज के शरीर में बुलेट के दो निशान मिले हैं. एक जबड़े में और एक पेट में. अपने इलाके में युवाओ के बीच लेफ्टिनेंट फैयाज काफी लोकप्रिय थे. आतंकवादी सुरक्षाबलों के साथ ऐसी कायराना हरकत पहले भी कर चुके हैं, लेकिन सेना के एक अफसर के साथ हाल के सालों में ऐसी हरकत पहली बार की है.  

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान द्वारा बनाए गए बूबी ट्रैप में भारतीय सेना और बीएसएफ़ के जवान फंस गए और इसकी वजह से दो जवानों को अपनी जान गवानी पड़ी. यही नहीं पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के शहीद हुए जवानों के शवों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया. बीएसएफ़ ने जो रिपोर्ट मंत्रालय को दी है, उसके मुताबिक़ इनपुट ये मिला था कि कुछ लैंडमाइन एक नाले में पाकिस्तान सेना बिछा रही है. उसकी पुष्टि करने जब जवान गए तब वो बूबी ट्रैप में फंस गए थे.

दक्षिणी कश्मीर के अशमुकम में नवोदय विद्यालय से पढ़ाई करने वाले फैयाज ने पिछले साल दिसंबर में कमीशन लेने के बाद सेना से जुड़े थे। वह पुणे स्थित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 129वें बैच के कैडेट थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका था जब सेना में शामिल होने के बाद उन्होंने छुट्टी ली थी. उन्हें जम्मू के अखनूर इलाके में स्थित अपनी यूनिट में 25 मई को वापस आना था.  

स्थानीय लोगों ने कहा कि रात करीब आठ बजे नौ नकाबपोश लोग घर में घुसे. उन्होंने निहत्थे लेफ्टिनेंट फैयाज से अपने साथ चलने को कहा और परिवार को धमकी दी कि पुलिस को सूचित न करें. लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और उन्होंने इसके लिये जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने की मांग की. दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के लिये जिम्मेदार विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर इन कमांड मेजर जनरल बी एस राजू ने अपनी सभी इकाइयों को आसपास के इलाकों में हत्यारों की तलाश के लिये अभियान शुरू करने को कहा है. सैन्य अधिकारी के शव को पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया और इसमें उसके गांव के कुछ लोग भी शामिल हुये.

रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने अपहरण और हत्या को कायरता का ‘‘नृशंस कृत्य’’ करार दिया. जेटली ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक प्रेरणास्त्रोत था.’’
(इनपुट भाषा से भी)
 

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