यह ख़बर 01 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

खांडू को लेकर उड़े हेलीकॉप्टर का कोई सुराग नहीं

खास बातें

  • अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य व्यक्तियों को लेकर उड़े हेलीकॉप्टर का दूसरे दिन रविवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया।
ईटानगर:

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और चार अन्य व्यक्तियों को लेकर उड़े हेलीकॉप्टर का दूसरे दिन रविवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया। भारत और भूटान की सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवान तलाशी अभियान में जुटे हुए हैं। खराब मौसम के कारण हवाई सर्वेक्षण और तलाशी अभियान में बाधा आ रही है। भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रणजीव साहू के अनुसार वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने रविवार को लापता हेलीकॉप्टर को ढूंढ़ने के लिए दो बार उड़ान भरी लेकिन खराब मौसम के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि मौसम साफ होने के बाद ही विमानों द्वारा तलाशी का काम फिर से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तेजपुर में दो चीता हेलीकॉप्टर और गुवाहाटी में एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी तैयार खड़े हैं लेकिन खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। दो सुखोई-30 विमानों ने भी विशेष रडार का उपयोग करते हुए पूरे क्षेत्र की छानबीन की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। रक्षा सूत्रों के मुताबिक थल सेना की 30 टुकड़ियां भारत-भूटान सीमा पर लापता हेलीकॉप्टर की तलाश कर रही हैं। जल्द ही कुछ और टुकड़ियों को इस काम में लगाया जा सकता है।  इससे पहले रविवार शाम राज्य कैबिनेट तथा शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ संकट प्रबंधन दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने संवाददाताओं से कहा, "लापता हेलीकॉप्टर के सम्बंध में अभी तक कोई सुराग या रिपोर्ट नहीं मिली है हालांकि हमने उसका पता लगाने के उपायों में कोई कोर-कसर नहीं उठा रखी है।" प्रधानमंत्री के त्वरित आदेश पर तलाशी अभियान का जायजा लेने के लिए नारायणसामी एवं एक अन्य केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक रविवार को दोपहर बाद ईटानगर पहुंचे। मंत्री ने कहा, "खराब मौसम हवाई सर्वेक्षण में बाधा डाल रहा है। हम भूटान सरकार से लगातार सम्पर्क में हैं और पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हेलीकॉप्टर किस जगह उतरा।" इस बीच मुख्यमंत्री खांडू के लापता हेलीकॉप्टर का पता लगाने के लिए वायुसेना के दो सुखोई विमानों ने प्रदेश के हवाई मानचित्रण (मैपिंग) का काम पूरा किया है। अरुणाचल प्रदेश के मंत्री जरबोम गामलिंग ने कहा, "भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दो सैटेलाइट ने तस्वीरें लीं है लेकिन खराब मौसम की वजह से यह धुंधला है। रविवार देर रात तक हमें इसरो से रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। " कांग्रेस विधायक लिखा साया ने रविवार को बताया, "दो सुखोई विमानों ने हवाई मैपिंग का काम पूरा कर लिया है और वह बरेली के वायुसैनिक ठिकाने में उतर गए हैं। विमानों से लिए गए चित्रों का विश्लेषण किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि उससे महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।" ईटानगर में मुख्यमंत्री कार्यालय में केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक और वी. नारायणसामी के साथ बैठक में शामिल हुए साया ने टेलीफोन पर यह बात कही। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)ने 25-25 पुलिस कर्मियों के छह दल तलाशी अभियान के लिए भेजे हैं। आईटीबीपी के प्रवक्ता दीपक पांडे ने कहा कि यह दल रविवार सुबह 3.30 बजे से तलाशी अभियान में जुटे हैं। उन्होंने कहा, "सीमा पुलिस की सभी चौकियों से तलाशी दल भेजे गए हैं।" सामाजिक कार्यकर्ता बमन फेलिक्स ने कहा, "हर कोई मुख्यमंत्री और अन्य लोगों की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है।" शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा हेलीकॉप्टर के सुरक्षित उतरने की पुष्टि किए जाने वाले बयान के सम्बंध में फेलिक्स ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि राज्यपाल ने यह गैरजिम्मेदाराना बयान क्यों दिया। राज्यपाल जनरल (सेवानिवृत्त) जेजे सिंह और प्रदेश के मुख्य सचिव दोनों ने यह बयान दिया था जो कि बाद में गलत साबित हुआ। विभिन्न खबरों में कहा गया था कि तवांग जिले से जुड़ी भूटान की पश्चिमी सीमा में हेलीकॉप्टर सुरक्षित उतरा है। खांडू को लेकर जा रहे पवन हंस कम्पनी का यह हेलीकॉप्टर एक इंजन से संचालित होता है। इंजन खराब होने की स्थिति में इस हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतारना मुश्किल होता है। ज्ञात हो कि पवन हंस ऐस350 बी-3 हेलीकॉप्टर शनिवार को सुबह 9.50 बजे मुख्यमंत्री और चार अन्य को लेकर तवांग से उड़ान भरी थी और तभी से यह गायब है। उड़ान भरने के 20 मिनट बाद इससे आखिरी बार रेडियो सम्पर्क हुआ था तब यह चीन सीमा के निकट सेला र्दे के पास था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 19 अप्रैल को पवन हंस का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से 17 लोग मारे गए थे और छह घायल हो गए थे।


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