जयपुर:
कांग्रेस ने अपनी जयपुर घोषणा में कहा कि समाज को तोड़ने वाले और ध्रुवीकरण करने वालों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई के लिए देश के सभी धर्मों एवं प्रगतिशील शक्तियों को एकजुट होना चाहिए।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना कांग्रेस ने अपने जयपुर घोषणापत्र में कहा कि पड़ोसी देश के साथ बातचीत 'स्वीकार योग्य सभ्य व्यवहारों के सिद्धांत' पर आधारित होनी चाहिए और जब ऐसे सिद्धांतों का उल्लंघन होता है, तब भारत को उचित कदम उठाने में संकोच नहीं होना चाहिए।
जयपुर घोषणा में कहा गया कि पार्टी के जो वरिष्ठ नेता चुनाव के लिए किसी उम्मीदवार की सिफारिश करेंगे, तो उन्हें उस उम्मीदवार की विफलता की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। संगठन के ढांचे में भाई-भतीजावाद विशेष चिंता का विषय है और इस प्रवृत्ति को दृढ़ता से रोकने की जरूरत है।
घोषणापत्र में कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस समिति और जिला कांग्रेस समितियों के अध्यक्षों के कार्यकाल की संख्या को दो तक सीमित रखना चाहिए और प्रत्येक कार्यकाल की अवधि तीन साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। घोषणापत्र में कहा गया कि चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों के बारे में फैसला करते वक्त उनके जीतने की क्षमता को ही आधार नहीं बनाना चाहिए। उम्मीदवारों की वफादारी और जीतने की क्षमता के बीच संतुलन को देखने की जरूरत है।
कांग्रेस ने कहा कि वह यूपीए सरकार के कार्य प्रदर्शन, स्थिरता के वादे, बेहतर प्रशासन और पार्टी के मूल्यों के पुनर्स्थापन के वादे के साथ जनता के बीच जाएगी। घोषणापत्र में कहा गया कि कांग्रेस यह स्वीकार करती है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार अब भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं। जयपुर घोषणा में कहा गया कि कांग्रेस सभी स्तर पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध विशेषकर राजनीतिक और नौकरशाही के स्तर पर भ्रष्टाचार को मिटाने की लड़ाई में अग्रणी रहेगी।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना कांग्रेस ने अपने जयपुर घोषणापत्र में कहा कि पड़ोसी देश के साथ बातचीत 'स्वीकार योग्य सभ्य व्यवहारों के सिद्धांत' पर आधारित होनी चाहिए और जब ऐसे सिद्धांतों का उल्लंघन होता है, तब भारत को उचित कदम उठाने में संकोच नहीं होना चाहिए।
जयपुर घोषणा में कहा गया कि पार्टी के जो वरिष्ठ नेता चुनाव के लिए किसी उम्मीदवार की सिफारिश करेंगे, तो उन्हें उस उम्मीदवार की विफलता की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। संगठन के ढांचे में भाई-भतीजावाद विशेष चिंता का विषय है और इस प्रवृत्ति को दृढ़ता से रोकने की जरूरत है।
घोषणापत्र में कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस समिति और जिला कांग्रेस समितियों के अध्यक्षों के कार्यकाल की संख्या को दो तक सीमित रखना चाहिए और प्रत्येक कार्यकाल की अवधि तीन साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। घोषणापत्र में कहा गया कि चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों के बारे में फैसला करते वक्त उनके जीतने की क्षमता को ही आधार नहीं बनाना चाहिए। उम्मीदवारों की वफादारी और जीतने की क्षमता के बीच संतुलन को देखने की जरूरत है।
कांग्रेस ने कहा कि वह यूपीए सरकार के कार्य प्रदर्शन, स्थिरता के वादे, बेहतर प्रशासन और पार्टी के मूल्यों के पुनर्स्थापन के वादे के साथ जनता के बीच जाएगी। घोषणापत्र में कहा गया कि कांग्रेस यह स्वीकार करती है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार अब भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं। जयपुर घोषणा में कहा गया कि कांग्रेस सभी स्तर पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध विशेषकर राजनीतिक और नौकरशाही के स्तर पर भ्रष्टाचार को मिटाने की लड़ाई में अग्रणी रहेगी।
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