पादरी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.(प्रतीकात्मक तस्वीर)
कन्नूर (केरल):
कोट्टयूर में एक कैथोलिक पादरी द्वारा एक नाबालिग लड़की का कथित बलात्कार किए जाने के मामले को छिपाने के तीन आरोपियों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इन आरोपियों में वायनाड बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का पूर्व अध्यक्ष भी शामिल है. पुलिस ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के पूर्व अध्यक्ष फादर थॉमस जोसेफ थेराकम, समिति के एक पूर्व सदस्य बेट्टी जोस और वायनाड में अनाथालय की अधीक्षक सिस्टर ओफेलिया ने पेरावूर के क्षेत्र निरीक्षक एवं इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी सुनील कुमार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
सुनील कुमार ने बताया, ''उन्होंने आज सुबह करीब साढ़े छह बजे आत्मसमर्पण किया. पूछताछ और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आज दोपहर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.'' उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को केरल उच्च न्यायालय ने इन तीनों आरोपियों के अलावा प्रसव सहायिका थनगम्मा को पांच दिनों के अंदर जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में मुख्य आरोपी एवं कोट्टायूर में एक स्थानीय चर्च के पादरी फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडाक्केनचेरिल को 16 साल की लड़की का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
सुनील कुमार ने बताया, ''उन्होंने आज सुबह करीब साढ़े छह बजे आत्मसमर्पण किया. पूछताछ और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आज दोपहर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.'' उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को केरल उच्च न्यायालय ने इन तीनों आरोपियों के अलावा प्रसव सहायिका थनगम्मा को पांच दिनों के अंदर जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में मुख्य आरोपी एवं कोट्टायूर में एक स्थानीय चर्च के पादरी फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडाक्केनचेरिल को 16 साल की लड़की का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
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