केरल सोना तस्करी मामला : प्रवर्तन निदेशालय ने निलंबित आईएएस अध‍िकारी एम श‍िवशंकर को किया गिरफ्तार

केरल सोना तस्करी मामले में जांच का सामना कर रहे निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय ED ने बुधवार को तिरुवनंतपुरम स्थित एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया.

केरल सोना तस्करी मामला : प्रवर्तन निदेशालय ने निलंबित आईएएस अध‍िकारी एम श‍िवशंकर को किया गिरफ्तार

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर गिरफ्तार

तिरुवनंतपुरम:

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय ने सोने की तस्करी मामले में गिरफ्तार कर लिया है. बुधवार सुबह जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया था, जिसके बाद केरल उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत अनुरोध को खारिज कर दिया.  शिवशंकर को पूछताछ के लिए एक कार में कोच्चि स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय लाया गया.वहीं, विपक्ष ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर दबाव बढ़ाते हुए इस मामले में उनके इस्तीफे की मांग की.


शिवशंकर को तब हिरासत में लिया गया जब उच्च न्यायालय ने शिवशंकर द्वारा दायर दो अलग-अलग अग्रिम जमानत याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए उन्हें खारिज कर दिया. शिवशंकर ने ये अर्जियां मामले में तस्करी के कोण की जांच कर रहे सीमा शुल्क विभाग और ईडी द्वारा संभावित गिरफ्तारियों की आशंका में दायर की थीं. ईडी इस मामले में यह जांच कर रहा है कि धन कहां से आया और कहां गया. निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हिरासत में लिये जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ा दिया.

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उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में शिवशंकर की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी मामले में उनके द्वारा दिये गए बयानों के साथ ही मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा दिये गए बयानों पर भरोसा कर रही है. इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि आईएएस अधिकारी आरोपी स्वप्नाा सुरेश के बहुत नजदीकी थे. शिवशंकर ने स्वप्नाा सुरेश की जमा राशि के बारे में अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से चर्चा की थी. न्यायमूर्ति अशोक मेनन ने अपने आदेश में कहा किया कि शिवशंकर ने स्व्प्ना सुरेश का परिचय चार्टर्ड अकाउंटेंट से कराया था और उनसे उसकी वित्तीय दिक्कतें दूर करने को कहा था .

अदालत ने कहा कि अकाउंटेंट और आरोपी स्वप्नाा सुरेश द्वारा दिए गए बयानों से शिवशंकर की संलिप्तता के पुख्ता संकेत मिलते हैं.अदालत ने कहा, ‘‘यह आरोप है कि आवेदक द्वारा दिए गए निर्देशों के परिणामस्वरूप स्वप्ना सुरेश और चार्टर्ड एकाउंटेंट (वेणुगोपाल) ने भारतीय स्टेट बैंक, तिरुवनंतपुरम शाखा में एक लॉकर खोला. दोनों को लॉकर संचालित करने का अधिकार था.''अदालत ने कहा, ‘‘भले ही आवेदक (शिवशंकर) ने लॉकर में राशि जमा करने से संबंधित गतिविधियों से खुद को अलग कर लिया हो, लेकिन उसके और चार्टर्ड एकाउंटेंट के बीच पत्राचार में स्वप्ना सुरेश के धन के प्रबंधन की देखरेख आवेदक द्वारा किये जाने के कुछ संकेत हैं.''

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