नई दिल्ली:
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि सभी दलों के शासन में देश के विभिन्न इलाकों में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले लोगों और अधिकारियों की बलि चढ़ी है लेकिन सरकार की फिर भी जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा पहनाने में कोई रूचि नहीं है।
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों के संरक्षण के लिए सख्त कानून की मांग के लिए जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिवसीय उपवास के दौरान केजरीवाल ने कहा, ‘आंदोलन को लेकर तरह तरह की बातें कही गई, कई तरह की अफवाहें फैलायी गईं। लेकिन आज सब लोग (टीम अन्ना) यहां मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि यह केवल अमीरों और शहरी लोगों का आंदोलन है। यहां गरीब, अमीर, मजदूर, मजदूर संघ, किसान सभी मौजूद हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने देखा कि किस तरह से ईमानदार अधिकारियों की जान गई है। लेकिन जो बचे हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, उनका क्या होगा। उनके संरक्षण की क्या व्यवस्था होगी।’ उन्होंने कहा, ‘लालू, नीतीश, जयललिता, मायावती, भाजपा, कांग्रेस सभी के समय इन लोगों की जान गई।’
उन्होंने कहा, ‘अगर जन लोकपाल विधेयक होता तो इन लोगों की जान बचायी जा सकती थी क्योंकि इसमें ऐसे लोगों की सुरक्षा की गारंटी है।’ केजरीवाल ने कहा, ‘पांच मिनट में सांसदों का वेतन बढ़ जाता है लेकिन 46 साल से लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो सका। जब सांसदों का वेतन बढाना होता है तब कोई स्थायी समिति नहीं बनती है। लेकिन लोकपाल कानून के लिए कई समितियां बन चुकी हैं।’
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों के संरक्षण के लिए सख्त कानून की मांग के लिए जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिवसीय उपवास के दौरान केजरीवाल ने कहा, ‘आंदोलन को लेकर तरह तरह की बातें कही गई, कई तरह की अफवाहें फैलायी गईं। लेकिन आज सब लोग (टीम अन्ना) यहां मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि यह केवल अमीरों और शहरी लोगों का आंदोलन है। यहां गरीब, अमीर, मजदूर, मजदूर संघ, किसान सभी मौजूद हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने देखा कि किस तरह से ईमानदार अधिकारियों की जान गई है। लेकिन जो बचे हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, उनका क्या होगा। उनके संरक्षण की क्या व्यवस्था होगी।’ उन्होंने कहा, ‘लालू, नीतीश, जयललिता, मायावती, भाजपा, कांग्रेस सभी के समय इन लोगों की जान गई।’
उन्होंने कहा, ‘अगर जन लोकपाल विधेयक होता तो इन लोगों की जान बचायी जा सकती थी क्योंकि इसमें ऐसे लोगों की सुरक्षा की गारंटी है।’ केजरीवाल ने कहा, ‘पांच मिनट में सांसदों का वेतन बढ़ जाता है लेकिन 46 साल से लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो सका। जब सांसदों का वेतन बढाना होता है तब कोई स्थायी समिति नहीं बनती है। लेकिन लोकपाल कानून के लिए कई समितियां बन चुकी हैं।’
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