यह ख़बर 10 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा तैयार हो : केजरीवाल

खास बातें

  • केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि अन्ना हजारे सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा तैयार कराने के सम्बंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखेंगे।
रालेगण सिद्धि:

गांधीवादी अन्ना हजारे पक्ष के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि अन्ना हजारे सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा तैयार कराने के सम्बंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखेंगे। अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सामाजिक संगठनों की कोर समिति की दो दिवसीय बैठक महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में शनिवार को शुरू हुई।  सम्मेलन के पहले दिन की बैठक के बाद पद्मावती मंदिर परिसर में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "अगले कुछ दिनों में अन्ना हजारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। आम आदमी के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरे उतरते हैं कि नहीं।" उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) कई राज्यों और अन्य निकायों में होने वाले चुनावों में उम्मीदवारों के लिए 'राइट टू रिजेक्ट' प्रावधान की मांग करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी से मिलेगी। केजरीवाल ने कहा कि कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े ने खुलासा किया है कि वर्ष 2008 में लोकसभा में 12 मिनटों में 17 विधेयक पारित कर दिए गए। उन्होंने कहा, "इसके अलावा वर्ष 2004-09 के दौरान लोकसभा और राज्यसभा के केवल 189 सदस्यों ने किसी मुद्दे पर अपनी बात रखी। इसलिए यह जरूरी है कि सांसदों पर जिम्मेदारी कैसे तय की जाए।" भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रस्तावित रथयात्रा के बारे में केजरीवाल ने कहा कि 'रथयात्राओं और जुलूस के दिन बीत गए हैं।' उन्होंने कहा कि इसके बदले भाजपा शासित राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा, "सरकार ने जो नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया है उसे दोबारा बनाया जाना चाहिए। उसमें इस बात का प्रावधान होना चाहिए कि किसी भी परियोजना के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि पर ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य हो। बिना ग्रामसभा की सहमति के गांव की जमीन नहीं ली जानी चाहिए।" उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे पक्ष की कोर समिति की हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह सहमति बनी है कि राजनीतिक सुधारों जैसे 'राइट टू रिकॉल' और 'राइट टू रिजेक्ट' पर प्रधानमंत्री के क्या विचार हैं, इसे जानने के लिए अन्ना हजारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। केजरीवाल ने कहा, "मौजूदा समय में मतदान के लिए जिस इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल होता है उसमें मतदाताओं के समक्ष 'इनमें से कोई नहीं' का भी विकल्प होना चाहिए। यदि 'इनमें से कोई नहीं' के पक्ष में ज्यादा मतदान होता है तो चुनाव रद्द कर दोबारा चुनाव कराने का प्रावधान होना चाहिए। वोटिंग मशीन में इस विकल्प को शामिल करने के लिए कानून में बदलाव की जरूरत नहीं है। इस विकल्प को अगले चुनावों से लागू किया जा सकता है।" केजरीवाल ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'नेशनल कम्पेन फार पीपुल्स राइट टू इन्फार्मेशन' (एनसीपीआरआई) की सदस्य अरुणा रॉय के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि लोकपाल विधेयक पर रॉय ने कोई मसौदा तैयार नहीं किया है। उन्होंने एक प्रस्ताव बनाया है जो संविधान के अनुरूप नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि रॉय के प्रस्तावों में तीन बिंदु ऐसे हैं जिन पर अन्ना हजारे पक्ष सहमत नहीं है। उनका आरोप है कि अन्ना हजारे पक्ष ने उनके साथ चर्चा नहीं की जबकि हमने कई दफे उनसे बातचीत की। यदि वह चाहती हैं कि उनके प्रस्ताव पर हम चर्चा करें तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। वहीं, अन्ना हजारे ने कहा, "जन लोकपाल का विरोध कर रहे सांसदों का हमें घेराव करना चाहिए। उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जाना चाहिए।" अन्ना हजारे ने लोगों से आग्रह किया कि वह ऐसे सांसदों को दोबारा चुनकर संसद में न भेजें। उल्लेखनीय है कि प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे ने पिछले महीने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 12 दिनों का अनशन करने के बाद 13वें दिन अपना अनशन समाप्त किया। इसके बाद उन्होंने गत दो सितम्बर को अपने गांव में एक रैली को सम्बोधित किया।


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