तेलंगाना के गठन का विरोध करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेड्डी बुधवार को अपना आंदोलन राष्ट्रीय राजधानी ले आए। उन्होंने यहां धरना दिया और राज्य का बंटवारा रोकने का आग्रह करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले।
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रेड्डी नए राज्य के गठन के विरोध का प्रदर्शन करने के लिए पांच घंटे से अधिक समय तक जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे।
रेड्डी ने आज ऐसे दिन आंदोलन नई दिल्ली में किया, जब संसद का विस्तारित शीतकालीन सत्र आज ही शुरू हुआ। केन्द्र सरकार तेलंगाना विधेयक पारित कराना चाहती है।
सीमांध्र क्षेत्र के कई राज्य मंत्री और विधायक भी रेडडी के साथ धरने पर बैठे। केन्द्रीय मंत्री एम पल्लम राजू, के संबा सिवा राव, डी पुरंदेश्वरी और किल्ली कृपारानी भी थोडे समय के लिए आए।
धरने के बाद रेडडी रष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन गए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें कि राज्य का कोई बंटवारा न हो... हमने आग्रह किया है कि राज्य को अविभाजित रखा जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के 75 से 80 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राज्य अविभाजित रहे। जनता की यही इच्छा प्रदेश विधानसभा द्वारा राज्य के बंटवारे के प्रस्ताव को नामंजूर करने के रूप में देखने को मिली।
रेड्डी ने कहा कि यदि राज्य का बंटवारा किया गया तो तेलंगाना और सीमांध्र दोनों ही क्षेत्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं