मेडक:
तेलंगाना में गरीबी की मार झेल रहे किसानों ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के एक धार्मिक अनुष्ठान पर सवाल उठाया है जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है कि इस यज्ञ में 7 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं लेकिन उन्होंने साफ किया है कि राज्य सरकार के सिर पर यह बिल नहीं मढ़ा जाएगा।
राव ने कहा कि कुछ रिश्तेदार और दोस्त इस काम में आगे आए थे और वह अपने अकाउंट से इसका खर्च कर रहा हैं। सीएम ने साफ किया कि सरकार से खर्चे का एक पैसा भी नहीं लिया गया है। यहां तक की आरटीसी बस और जेनेरेटर के लिए भी उन्होंने अपनी ही जेब से खर्चा किया है।
पांच दिन का यह कार्यक्रम राव के मेडक स्थित फार्महाउस पर किया जाएगा जिसमें यज्ञ के लिए 108 प्लैफॉर्म बनाए गए हैं और 1500 पूजारियों को बुलाया जाएगा। 50 हज़ार लोग बतौर मेहमान आएंगे जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल हैं।
'क्या हुआ तेरा वादा...'
लेकिन इस समारोह स्थल से महज़ 10 किलोमीटर की दूरी पर पिरलापल्ली गांव हैं जहां सितंबर के महीने में एक किसान ने फांसी लगा ली थी। लगातार दो बार से नल्ला किश्तैय्या की फसल बर्बाद हो रही थी और वह अपना कर्जा नहीं चुका पा रहा था। 9वीं क्लास में पढ़ने वाला नल्ला का बेटा राजू कहता है कि सरकार ने उसके परिवार को निराश किया है।
राजू ने घर चलाने के लिए मजदूरी का काम शुरू कर दिया है, वह सवाल करता है 'बतौर मुख्यमंत्री उन्हें हम जैसे परिवारों की मदद करनी चाहिए जो इतनी मुश्किल में हैं। क्या उन्होंने घर और पेंशन का वादा नहीं किया था? लेकिन हमें तो कुछ भी नहीं मिला। '
राव ने कहा कि कुछ रिश्तेदार और दोस्त इस काम में आगे आए थे और वह अपने अकाउंट से इसका खर्च कर रहा हैं। सीएम ने साफ किया कि सरकार से खर्चे का एक पैसा भी नहीं लिया गया है। यहां तक की आरटीसी बस और जेनेरेटर के लिए भी उन्होंने अपनी ही जेब से खर्चा किया है।
पांच दिन का यह कार्यक्रम राव के मेडक स्थित फार्महाउस पर किया जाएगा जिसमें यज्ञ के लिए 108 प्लैफॉर्म बनाए गए हैं और 1500 पूजारियों को बुलाया जाएगा। 50 हज़ार लोग बतौर मेहमान आएंगे जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल हैं।
'क्या हुआ तेरा वादा...'
लेकिन इस समारोह स्थल से महज़ 10 किलोमीटर की दूरी पर पिरलापल्ली गांव हैं जहां सितंबर के महीने में एक किसान ने फांसी लगा ली थी। लगातार दो बार से नल्ला किश्तैय्या की फसल बर्बाद हो रही थी और वह अपना कर्जा नहीं चुका पा रहा था। 9वीं क्लास में पढ़ने वाला नल्ला का बेटा राजू कहता है कि सरकार ने उसके परिवार को निराश किया है।
10 किलोमीटर की दूरी पर पिरलापल्ली गांव हैं जहां एक किसान ने फांसी लगा ली
राजू ने घर चलाने के लिए मजदूरी का काम शुरू कर दिया है, वह सवाल करता है 'बतौर मुख्यमंत्री उन्हें हम जैसे परिवारों की मदद करनी चाहिए जो इतनी मुश्किल में हैं। क्या उन्होंने घर और पेंशन का वादा नहीं किया था? लेकिन हमें तो कुछ भी नहीं मिला। '
राजू की मां रेणुका कहती हैं 'सीएम इतना पास रहते हैं। वो यहां पता नहीं कितनी बार आते होंगे। कम से कम आज तो उन्हें हमारा हालचाल पूछने के लिए आ जाना चाहिए था। मैं अपने बच्चों को कैसे पालूंगी, कैसे पढ़ाऊंगी।' आंखों में आंसू लिए रेणुका ने पूछा 'अगर मैं उनके पास जाकर उन्हें अपने और बच्चों के हालात के बारे में बताऊं तो क्या वह हमसे मिलने आएंगे? पता नहीं मुझे अंदर घुसने भी देंगे या नहीं?'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तेलंगाना, चंद्रशेखर राव, किसानों की आत्महत्या, मेडक, तेलंगाना मुख्यमंत्री, Telangana, Chandra Shekhar Rao, Farmers Suicide, Medak, Telangana Chief Minister