मसरत आलम (फाइल फोटो)
जम्मू:
कट्टर अलगाववादी नेता मसरत आलम को मंगलवार को जम्मू जेल परिसर में ही दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। उसे जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के आदेश पर छोड़ा गया था। लेकिन, वह जेल परिसर से बाहर नहीं जा सका। पुलिस ने उसे फिर गिरफ्तार कर लिया। मसरत की पार्टी जम्मू एवं कश्मीर मुस्लिम लीग ने उसकी फिर गिरफ्तारी की निंदा की है और आरोप लगाया है कि उसे किसी अज्ञात जगह ले जाया गया है।
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "अदालत के आदेश के बाद मसरत को जेल अधिकारियों ने रिहा कर दिया। लेकिन पुलिस की एक टीम ने उसे फिर गिरफ्तार कर लिया और अज्ञात जगह ले गई।"
आलम को 17 अप्रैल को श्रीनगर की रैली में पाकिस्तानी झंडा फहराने पर गिरफ्तार किया गया था। उसे जम्मू की कोट बलवल जेल में रखा गया था।
उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को उसे रिहा करने का आदेश दिया था। आलम को कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली गिलानी का करीबी माना जाता है। 2010 में उसने घाटी में हिंसक आंदोलन छेड़ा था।
इसी साल मार्च में सत्ता में आने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने 9 मार्च को आलम को रिहा करने का आदेश दिया था। इस पर काफी विवाद हुआ था।
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "अदालत के आदेश के बाद मसरत को जेल अधिकारियों ने रिहा कर दिया। लेकिन पुलिस की एक टीम ने उसे फिर गिरफ्तार कर लिया और अज्ञात जगह ले गई।"
आलम को 17 अप्रैल को श्रीनगर की रैली में पाकिस्तानी झंडा फहराने पर गिरफ्तार किया गया था। उसे जम्मू की कोट बलवल जेल में रखा गया था।
उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को उसे रिहा करने का आदेश दिया था। आलम को कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली गिलानी का करीबी माना जाता है। 2010 में उसने घाटी में हिंसक आंदोलन छेड़ा था।
इसी साल मार्च में सत्ता में आने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने 9 मार्च को आलम को रिहा करने का आदेश दिया था। इस पर काफी विवाद हुआ था।
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