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This Article is From Oct 02, 2017

कश्मीरी अलगाववादी नेताओं ने मोहन भागवत पर किया पलटवार

प्रदेश की बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार पर राज्य की राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और ऐतिहासिक स्थिति से छेड़छाड़ की कोशिश करने का आरोप लगाया

कश्मीरी अलगाववादी नेताओं ने मोहन भागवत पर किया पलटवार
कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए संविधान में संशोधन करने के संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अलगाववादी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है.
  • कहा- भागवत इतिहास में झांकें तो पता लगेगा कि कश्मीर एक विवाद है
  • आरएसएस की अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के कारण देश विभाजन के कगार पर
  • भागवत ने कश्मीर को लेकर आवश्यक संवैधानिक संशोधन की जरूरत जताई है
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श्रीनगर: कश्मीर के लोग शेष भारत के लोगों के साथ ‘पूरी तरह घुलमिल कर’ रह पाएं इसके लिए ‘‘आवश्यक’’ संवैधानिक संशोधन की मांग करने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने पलटवार किया है.

कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन पर राज्य की ‘राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और ऐतिहासिक स्थिति’ से छेड़छाड़ की लगातार कोशिश का आरोप लगाया.

VIDEO : संघ का स्थापना दिवस

मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘भागवत को इतिहास में झांकना चाहिए और उनको पता लगेगा कि कश्मीर एक विवाद है, जिसे विश्व के सर्वोच्च फोरम संयुक्त राष्ट्र भी मानता है.’’ जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने एक अलग बयान में कहा कि ‘भागवत को भारत के बारे में सोचना चाहिए जो आरएसएस की अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों’ के कारण विभाजन के कगार पर है.
(इनपुट भाषा से)

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