
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सरकार ने इस बात की पूरी तैयारी कर ली है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान मीडिया में खबर बनाने के लिए आतंकी न तो सरहद पर कोई कार्रवाई कर सकें और न ही कश्मीर में किसी वारदात को अंजाम दे सकें।
लेकिन, इसके बावजूद कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से एक अजीब सी दहशत का माहौल है। वजह सबको पता है। जब-जब कोई बड़ी हस्ती भारत आई है तो कश्मीर में मासूमों का खून ही बहा है। पहले जब अमेरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौरे पर छत्तीसिंहपोरा का भयानक खूनी मंजर देखने में आया था।
वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति का कश्मीर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है फिर भी लोग डरे हुए हैं। 1999 में जब बिल क्लिंटन दिल्ली आए थे, तब आतंकियों ने छत्तीसिंहपोरा में 36 कश्मीरी सिखों को मार दिया था। इस घटना को हुए 15 साल होने को आए हैं, लेकिन अमेरीकी राष्ट्रपति की 25 जनवरी से शुरू होने जा रही भारत की तीन दिवसीय यात्रा ने लोगों के जख्मों को हरा कर दिया है। सुरक्षा से जुड़े अधिकारी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते इसलिए कश्मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया है। अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
हालांकि अमेरिका ने भी पाकिस्तान को पहले ही चेता दिया है कि वो इस बात का ध्यान रखे कि जब ओबामा भारत में हो तो आतंकी सीमा पार से कोई हरकत न करें। पर जो सुरक्षा बलों को इनपुट मिले हैं कि सीमा पार से आतंकवादियों को भी हिदायत मिली है वो अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत यात्रा के दौरान ऐसी कोई कार्रवाई जरूर करें जिससे दुनिया को पता चल सके कि कश्मीर में आतंकी जहां और जब चाहे कोई भी कार्रवाई कर सकते हैं।
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