प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीनगर:
कश्मीर में कर्फ़्यू फिलहाल पूरी तरह उठा लिया गया है. हालात सामान्य होते लग रहे हैं. सुरक्षाबलों का कहना है कि हुर्रियत की अपील दरकिनार कर लोग बाहर आ रहे हैं. श्रीनगर में दुकानें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. सड़कों पर कुछ चहलक़दमी भी दिख रही है. महीनों चले कर्फ़्यू के बाद ये वापसी सबके लिए राहत की बात है.
161 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर राजेश यादव ने एनडीटीवी को बताया, 'हुर्रियत की अपील का असर कम हो रहा है. सड़कों पर सिविलियन गाड़ियां नहीं चलेंगी लेकिन आप ट्रैफ़िक देख लीजिए. ये ज़रूर है कि लोग दुकानें खोलने में डर रहे हैं. लेकिन फिर भी कुछ दुकानें खुली हैं.'
उधर राज्य प्रशासन आम लोगों को सुरक्षा की गारंटी के साथ गड़बड़ी फैलाने वालों पर सरकार की सख़्ती रंग ला रही है. अभी तक 250 लोगों के ख़िलाफ़ PSA क़ानून के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. करीब 3000 पत्थरबाज़ों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है. सरकार अब उन सरकारी कर्मचारियों की शिनाख़्त कर रही है जिन्होंने आदेश तोड़कर अलगाववादियों का साथ दिया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जो ये करमचारी हैं, इन्होंने सरकारी मुलाजिम होने के बावज़ूद हिंसा फैलाने में मदद की. ये सर्विस कंडक्ट रूल्स के ख़िलाफ़ है. हम जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. उनके ख़िलाफ़ करवाई की जाएगी.'
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है. पोस्टपेड कनेक्शन चालू कर दिए गए हैं. उनके मुताबिक़ डेटा सर्विस भी जल्द बहाल कर दी जाएगी.
इधर उरी में पर हुए हमले ने भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ माहौल बनाया है. सब इस हमले की निंदा कर रहे हैं.
एक सीआरपीएफ के जवान का कहना है, 'वो लोग सोए हुए थे ये बहुत बुरा हुआ.' एक आम नागरिक का कहना है, 'ये लोग कश्मीर के ख़ैरख्वा नहीं हैं, ये हमें समझना होगा.'
हालांकि अब भी सामान्य हालात लौटाने में वक़्त लगेगा. लेकिन प्रशासन को उम्मीद है कि थोड़ी सावधानी और ज़रूरी सख़्ती के बाद लोगों का भरोसा लौटेगा.
161 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर राजेश यादव ने एनडीटीवी को बताया, 'हुर्रियत की अपील का असर कम हो रहा है. सड़कों पर सिविलियन गाड़ियां नहीं चलेंगी लेकिन आप ट्रैफ़िक देख लीजिए. ये ज़रूर है कि लोग दुकानें खोलने में डर रहे हैं. लेकिन फिर भी कुछ दुकानें खुली हैं.'
उधर राज्य प्रशासन आम लोगों को सुरक्षा की गारंटी के साथ गड़बड़ी फैलाने वालों पर सरकार की सख़्ती रंग ला रही है. अभी तक 250 लोगों के ख़िलाफ़ PSA क़ानून के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. करीब 3000 पत्थरबाज़ों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है. सरकार अब उन सरकारी कर्मचारियों की शिनाख़्त कर रही है जिन्होंने आदेश तोड़कर अलगाववादियों का साथ दिया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जो ये करमचारी हैं, इन्होंने सरकारी मुलाजिम होने के बावज़ूद हिंसा फैलाने में मदद की. ये सर्विस कंडक्ट रूल्स के ख़िलाफ़ है. हम जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. उनके ख़िलाफ़ करवाई की जाएगी.'
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है. पोस्टपेड कनेक्शन चालू कर दिए गए हैं. उनके मुताबिक़ डेटा सर्विस भी जल्द बहाल कर दी जाएगी.
इधर उरी में पर हुए हमले ने भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ माहौल बनाया है. सब इस हमले की निंदा कर रहे हैं.
एक सीआरपीएफ के जवान का कहना है, 'वो लोग सोए हुए थे ये बहुत बुरा हुआ.' एक आम नागरिक का कहना है, 'ये लोग कश्मीर के ख़ैरख्वा नहीं हैं, ये हमें समझना होगा.'
हालांकि अब भी सामान्य हालात लौटाने में वक़्त लगेगा. लेकिन प्रशासन को उम्मीद है कि थोड़ी सावधानी और ज़रूरी सख़्ती के बाद लोगों का भरोसा लौटेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
कश्मीर के हालात, कश्मीर से कर्फ्यू हटा, सामान्य हो रहे हालात, हुर्रियत कान्फ्रेंस, श्रीनगर, Kashmir Situation, Curfew In Kashmir Valley, Curfew Lifted In Kashmir, Hurriyat Conference, Srinagar