कुलगाम में लिखे कश्मीर की आजादी की मांग के नारे.
श्रीनगर:
कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस वालों पर हमले कर रहे हैं. नेताओं और विधायकों के घर भी बेधड़क घुस रहे हैं. सवाल है कि यह स्थिति क्यों बन रही है.
हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अब्दुल राशिद खांडे के घर पर दस आतंकवादियों ने हमला किया और चार हथियार लूट लिए. सीपीएम नेता तारेगामी के सहायक के घर पर हमला करके लूटे हथियार लूटे. इसके अलावा पीडीपी संसद नाज़िर अहमद लावे के घर में आतंकियों ने आग लगाई और हथियार लूट लिए.
श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर कुलगाम से घाटी में सबसे ज्यादा हिंसा की रिपोर्ट आ रही हैं. बुधवार को रात में एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला हुआ. एनडीटीवी इंडिया ने इस इलाके का दौरा किया तो कैमरा जहां भी घूमा, वहीं तनाव दिखा. जगह-जगह दीवारों पर लगी अलगाववाद को दिखाने वाली तस्वीरें और इसी तरह के पोस्टर दिखे.
इस इलाके में नेशनल हाईवे 44 से गुजरते हुए जगह-जगह पत्थरों की दीवार देखने को मिल जाएगी. इसका मकसद सुरक्षा बलों को रोकना है. साउथ कश्मीर के डीआईजी नीतीश कुमार ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "शुरुआत इस इलाके से हुई थी, लेकिन अब हालत बेहतर है. लेकिन फिर भी हिंसा की वारदातें सामने आ रही हैं, वह सब लोकल है."
वास्तव में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इस इलाके में ही कट्टरता को सबसे ज्यादा हवा मिल रही है. गृह मंत्रालय तक पहुंची रिपोर्टों के मुताबिक बीते एक साल में पीडीपी ने सुरक्षा बलों को दक्षिण कश्मीर में ज्यादा कार्रवाई नहीं करने दी. इसकी वजह से आतंकवादियों ने वहां अपना गढ़ बना लिया है. जमात ने भी अपनी जड़ें जमा ली हैं. सोशल मीडिया के कारण इस इलाके में कट्टरता बहुत फैली है. आतंकी संगठनों के लोकल रिक्रूटमेंट भी इस इलाके में ज्यादा हुए. लश्कर हिज़्बुल मुजाहिदीन पर दबाव बनाता रहा कि वह और कार्रवाइयों को अंजाम दे.
नीतीश कुमार का कहना है कि " हम हर उस शख्स के खिलाफ कर्रवाई कर रहे हैं जो हिंसा फैला रहा है. वह चाहे फिर जमात से जुड़ा हो या फिर किसी और तंजीम से." सर्वदलीय बैठक में भी दक्षिण कश्मीर के इस मिजाज पर चर्चा हुई है. सरकार के लिए इस हिस्से में अमन लाना सबसे बड़ी चुनौती है.
हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अब्दुल राशिद खांडे के घर पर दस आतंकवादियों ने हमला किया और चार हथियार लूट लिए. सीपीएम नेता तारेगामी के सहायक के घर पर हमला करके लूटे हथियार लूटे. इसके अलावा पीडीपी संसद नाज़िर अहमद लावे के घर में आतंकियों ने आग लगाई और हथियार लूट लिए.
श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर कुलगाम से घाटी में सबसे ज्यादा हिंसा की रिपोर्ट आ रही हैं. बुधवार को रात में एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला हुआ. एनडीटीवी इंडिया ने इस इलाके का दौरा किया तो कैमरा जहां भी घूमा, वहीं तनाव दिखा. जगह-जगह दीवारों पर लगी अलगाववाद को दिखाने वाली तस्वीरें और इसी तरह के पोस्टर दिखे.
इस इलाके में नेशनल हाईवे 44 से गुजरते हुए जगह-जगह पत्थरों की दीवार देखने को मिल जाएगी. इसका मकसद सुरक्षा बलों को रोकना है. साउथ कश्मीर के डीआईजी नीतीश कुमार ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "शुरुआत इस इलाके से हुई थी, लेकिन अब हालत बेहतर है. लेकिन फिर भी हिंसा की वारदातें सामने आ रही हैं, वह सब लोकल है."
वास्तव में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इस इलाके में ही कट्टरता को सबसे ज्यादा हवा मिल रही है. गृह मंत्रालय तक पहुंची रिपोर्टों के मुताबिक बीते एक साल में पीडीपी ने सुरक्षा बलों को दक्षिण कश्मीर में ज्यादा कार्रवाई नहीं करने दी. इसकी वजह से आतंकवादियों ने वहां अपना गढ़ बना लिया है. जमात ने भी अपनी जड़ें जमा ली हैं. सोशल मीडिया के कारण इस इलाके में कट्टरता बहुत फैली है. आतंकी संगठनों के लोकल रिक्रूटमेंट भी इस इलाके में ज्यादा हुए. लश्कर हिज़्बुल मुजाहिदीन पर दबाव बनाता रहा कि वह और कार्रवाइयों को अंजाम दे.
नीतीश कुमार का कहना है कि " हम हर उस शख्स के खिलाफ कर्रवाई कर रहे हैं जो हिंसा फैला रहा है. वह चाहे फिर जमात से जुड़ा हो या फिर किसी और तंजीम से." सर्वदलीय बैठक में भी दक्षिण कश्मीर के इस मिजाज पर चर्चा हुई है. सरकार के लिए इस हिस्से में अमन लाना सबसे बड़ी चुनौती है.
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