भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे को चालू करने, उससे संबंधित तकनीकी मामलों और इस संबंध में मसौदा समझौते पर चर्चा करने के लिए रविवार को दूसरे दौर की वार्ता हुई. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में भारतीय पासपोर्ट धारकों को वीजा फ्री एंट्री देने पर पाकिस्तान सहमत हो गया है. इसके अलावा OCI कार्ड धारकों को भी वीजा फ्री एंट्री मिलेगी. वहीं हर दिन 5000 तीर्थयात्रियों की एंट्री पर भी पाकिस्तान सहमत हो गए, पहले वह 700 तीर्थयात्रियों की बात कर रहा था. भारत विरोधी गतिविधियों को इजाजत न देने पर भी पाक ने सहमति दे दी. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान को एक डोजियर सौंपा है.
साथ ही सूत्रों ने बताया कि बैठक में रावी नदी पर पुल बनाने की भारत की मांग को पाकिस्तान ने सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी. साथ ही भारत की ओर से कहा गया कि आस्था के आधार पर तीर्थयात्रियों से भेदभाव नहीं होना चाहिए. भारतीयों के साथ भारतीय मूल के तीर्थयात्रियों को भी हो इजाजत दी जाए.
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यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा. वे इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे. उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा. करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव ने 1522 में स्थापित किया था. बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है. गलियारे का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.'
India-Pakistan bilateral meeting on #KartarpurCorridor at Wagah, Pakistan, concludes. (File pic) pic.twitter.com/gEEINbBmDB
— ANI (@ANI) July 14, 2019
दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक फैसल ने कहा कि पाकिस्तान सकारात्मक सोच के साथ वार्ता में भाग ले रहा है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं. वह नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.'
भारत ने इससे पहले इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था. ऐतिहासिक गलियारे की कार्यप्रणालियों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच पहली बैठक मार्च में अटारी में ऐसे समय में हुई थी जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था.
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे. गुरदासपुर जिले में 26 नवंबर को और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी.
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