नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के इस दावे के बाद कि हेमंत करकरे ने उनसे कहा था कि उन्हें कथित भगवा आतंकवाद से खतरा है, मंगलवार को भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी ने दावा किया कि करकरे ने उन्हें अपने लेपटाप से कुछ ऐसे टेप सुनाए थे जिनमें जेहादी आतंकियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख की हत्या की साजिश रचते सुना गया। गडकरी ने पार्टी मुख्यालय में कहा, संघ ने कई अवसरों पर कांग्रेस के बारे में भी सहानुभूति रख कर बाते कहीं हैं, फिर वोट बैंक की राजनीति के चलते वह उसे बदनाम करने में लगी है। मुंबई आतंकी हमले में आतंकियों से लोहा लेते हुए मारे गए महाराष्ट्र के तत्कालीन एसआईटी प्रमुख करकरे को लेकर भाजपा प्रमुख ने दावा किया, करकरे ने मुझे अपने लेपटाप से कुछ टेप सुनाए थे जिनमें जेहादी आतंकियों को संघ प्रमुख और उसके अन्य वरिष्ठ नेताओं की हत्या की साजिश रचते सुना गया। साजिशी लोग बात कर रहे थे कि वे संघ प्रमुख की चप्पल में ऐसा लेप लगा कर हत्या करेंगे कि पोस्टमार्टम में हत्या साबित नहीं होगी। गडकरी के इस दावे को, कुछ समय पहले किए दिग्विजय के उस दावे की काट के रूप में देखा जा रहा है जिसमें कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि करकरे ने उन्हें फोन करके कहा था कि मालेगांव आतंकी हमले में भगवा साजिश की जांच करने से उन्हें हिन्दुत्व की शक्तियों से खतरा है। भाजपा अध्यक्ष ने रत्न शारदा की पुस्तक सीक्रेट आफ आरएसएस.. के लोकार्पण समारोह में कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस का मुंह काला हो चुका है और इसी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए संघ को बदनाम करने की मुहिम चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार को बदनाम करने की मुहिम के तहत ही अब कहा जा रहा है कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में भी संघ से जुड़े लोगों का हाथ है जबकि इससे पूर्व यही सरकार इस हमले में शामिल लोगों के नाम संयुक्त राष्ट्र को दे चुकी है। उन्होंने सवाल किया कि वोट बैंक की राजनीति के चलते इस घटना के साजिशकर्ताओं के बारे में पलटी खाने से देश की कितनी बदनामी होगी, कांग्रेस नीत सरकार ने इसका भी ख्याल नहीं रखा। गडकरी ने कहा कि संघ को बदनाम करने की तमाम कोशिशों के बावजूद इस परिवार की स्थिति दिन ब दिन बेहतर होती जा रही है और कई राज्यों में आज हम शासन में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जो कर ले लेकिन बोफोर्स सहित टू जी स्पेक्ट्रम जैसे भ्रष्टाचार के मामलों से काला हो चुका उसका मुंह अब साफ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह बात रिकार्ड में आ चुकी है कि बोफोर्स दलाली में लिप्त इतालवी व्यापारी के ओत्तवियो क्वात्रोच्चि के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी से घनिष्ट संबंध थे। क्वात्रोच्चि का ड्राइवर भी बता चुका है कि प्रधानमंत्री निवास होने के बावजूद उन्हें गांधी परिवार के यहां बेरोक-टोक जाने की अनुमति थी।