INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने CBI की गिरफ़्तारी और रिमांड को चुनौती दी थी लेकिन SC से CBI मामले चिदंबरम को राहत नहीं दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ़्तारी से याचिका अब प्रभावहीन हो गई है. अब इस मामले में पी. चिदंबरम नियमित जमानत दें. अब ED से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है. पी. चिदंबरम की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि क्या जीने के अधिकार के तहत हमे सुनवाई का अधिकार है या नहीं? इस पर कोर्ट ने कहा कि आप इस याचिका को बदल सकते है. यह याचिका प्रभावी नहीं है. बुधवार को ही इसे लिस्ट करने के आदेश हुए. हमने रॉकेट की तरह याचिका दाखिल की. लेकिन गुरुवार की रात हमें गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि कोर्ट में सुनवाई से पहले गिरफ्तारी हो गई. क्या हमसे ये अधिकार छीना जा सकता है? सीबीआई को शुक्रवार तक इंतजार करना चाहिए था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को सीबीआई मामले में अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनाई करनी चाहिए.
कपिल सिब्बल की 8 दलीलें
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का हलफ़नामा हम तक पहुंचने से पहले प्रेस में था.
प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम से 3 बार पूछताछ की . ED को कोर्ट के सामने सारे सवाल-जवाब रखने चाहिए फिर कोर्ट के सामने सबकुछ साफ़ हो जाएगा
इस मामले में मीडिया ट्रायल चल रहा है. ईडी चिदंबरम की एक विदेशी संपत्ति दिखाए, हम याचिका वापस ले लेंगे
एजेंसी INX मीडिया से संबंधित दस्तावेज़ दिखाए. चिदंबरम की पोती वाली वसीयत आज तक सामने नहीं रखी गई
CBI और ED ने कभी शेल कंपनी या विदेशी खातों की जानकारी नहीं मांगी. अभी भी CBI हिरासत में उनसे इस बारे में पूछताछ नहीं हुई.
चिदंबरम से ये पूछा जा रहा है कि आपका ट्विटर अकाउंट है?. पैसों के लेनदेन का कोई कनेक्शन आज तक नहीं मिला
विदेशी संपत्ति या शेल कंपनी का सीधा संबंध नहीं मिला. अगर संपत्ति या बैंक खाते हैं तो काग़ज़ात भी होंगे. फिर हिरासत की क्या ज़रूरत है?.
सील कवर में नोट केस को सनसनीखेज बनाने के लिए