यह ख़बर 14 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कनिमोई की जमानत पर फैसला 20 मई तक टला

खास बातें

  • 2जी घोटाले में आरोपी डीएमके सांसद कनिमोई की जमानत अर्जी पर विशेष अदालत ने अपना फैसला 20 मई तक के लिए टाल दिया है।
New Delhi:

2जी स्पेक्ट्रम मामले में डीएमके सांसद कनिमोई की जमानत याचिका पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जहां एक विशेष अदालत ने इस मामले में अपने आदेश की घोषणा 20 मई तक टाल दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि की 43 वर्षीय पुत्री कनिमोई समेत सभी आरोपियों की मौजूदगी में कहा, इस संबंध में आदेश 20 मई तक टाला जाता है। अदालत परिसर में संवाददाताओं की भारी मौजूदगी को देखते हुए सैनी ने पूछा कि यहां इतनी अधिक संख्या में पत्रकार क्यों है। इसके बाद उन्होंने यह आदेश दिया। सीबीआई के वकील एके सिंह ने अदालत परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि न्यायाधीश की ओर से आदेश की घोषणा नहीं किए जाने का एकमात्र कारण यह था कि फैसला तैयार नहीं था। अदालत ने कलेंगनर टीवी के सीईओ और एमडी शरद कुमार की जमानत की याचिका पर फैसला भी 20 मई तक के लिए टाल दिया। अदालत में कनिमोई के साथ उनके पति जी अरविंदन और डीएमके संसदीय पार्टी के नेता टीआर बालू भी साथ गए थे। इससे पूर्व, अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की दलील सुनने के बाद 7 मई को कनिमोई और शरद कुमार की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। जेठमलानी ने अदालत में कनिमोई का पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपपत्र में जो बातें कनिमोई के बारे में कही गई हैं और जो आरोप उनपर लगाए गए हैं, उनके लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा एक तरह से जिम्मेदार हैं। उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त विशेष अदालत को 2जी स्पेक्ट्रम मामले की व्यापक सुनवाई का काम सौंपा गया है। विशेष अदालत को कनिमोई की जमानत याचिका पर फैसला करना है, जिन्हें शाहिद उस्मान बलवा के डीबी रीयल्टी फर्म से कलेंगनर टीवी के वास्ते 200 करोड़ रूपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने कनिमोई पर राजा के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है।


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