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This Article is From Jun 17, 2011

कनिमोई की जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में 2जी स्पेक्ट्रम मामले की आरोपी एवं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद कनिमोई तथा कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका का विरोध किया। सीबीआई की ओर से दाखिल किये गए हलफनामे में वही कारण बताए गए हैं जो दिल्ली उच्च न्यायालय और सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए गिनाए गए थे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए गत आठ जून को कहा था कि दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या मामला बनता है और उनके राजनीतिक सम्पर्क भी हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था, "याचिकाकर्ताओं की वित्तीय और राजनीतिक हैसियत पर विचार करते हुए इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया गया तो वे जांच में दखल दे सकते हैं या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।" कनिमोई डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की बेटी हैं। सीबीआई ने न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ द्वारा पूछे गए तीनों प्रश्नों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। न्यायालय ने सीबीआई से यह जानना चाहा था कि कलैगनार टीवी को दी गई 200 करोड़ रुपये की रकम का क्या हुआ, 13 एकीकृत सेवा लाइसेंस देने से सरकार को हुए नुकसान और सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष 2जी मुकदमे की स्थिति क्या है।

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